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मिर्च की फसल में भभूतिया रोग, कहीं कम न हो जाए उपज
Author : Lohit Baisla

यदि आप मिर्च की खेती कर रहे हैं तो फसल में कई तरह के रोगों से आपको भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मिर्च की फसल में एन्थ्रेक्नोज रोग, लीफ कर्ल रोग, मौजेक रोग, भभूतिया रोग, आदि विभिन्न रोगों के होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अच्छी फसल के लिए इन रोगों पर नियंत्रण की जानकारी होना बहुत जरूरी है। मिर्च की फसल में भभूतिया रोग के लक्षण एवं इस पर नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
भभूतिया रोग के लक्षण
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भभूतिया रोग को चूर्णी फफूंद रोग भी कहा जाता है।
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आमतौर पर इस रोग का प्रकोप गर्मियों के मौसम में अधिक देखा जाता है।
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ठंड के मौसम में भी इस रोग के लक्षण नजर आते हैं।
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नमी युक्त वातावरण में यह रोग तेजी से फैलते हैं।
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भभूतिया रोग प्रभावित पौधों की पत्तियों पर सफेद चूर्ण जैसे धब्बे उभरने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पत्तियां पीली हो कर सूखने लगती हैं।
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इस रोग के कारण पौधों के विकास में बाधा आती है।
भभूतिया रोग पर नियंत्रण के तरीके
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खेत को खरपरवार से मुक्त रखें।
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रोग के लक्षण नजर आने पर प्रति लीटर पानी में 2 से 4 ग्राम घुलनशील सल्फर मिला कर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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इस रोग से निजात पाने के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
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प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में कार्बेन्डाजिम 12 प्रतिशत और मेंकोजेब 66 प्रतिशत डब्ल्यूपी 300 ग्राम मिला कर छिड़काव करें।
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24 December 2020
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