मिर्च का स्वाद तीखा होता है। इसका इस्तेमाल मसाले, सब्जी, अचार, औषधि आदि में किया जाता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, फॉस्फोरस और कैल्शियम समेत कई पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। मिर्च खून को पतला करने और दिल की बीमारियों को दूर करने में भी मदद करती है। इसका उत्पादन पुरे विश्व में होता है। भारत में इसका उत्पादन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उड़ीसा और तमिलनाडु में किया जाता है। किसान कम लागत में इसकी फसल से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किन्तु कई बार फसल में फूल और फल कम संख्या में आते हैं. यह सब उचित उर्वरक प्रबंधन की जानकारी न होने के कारण होता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को मिर्च के पौधों पर ज्यादा फल और फूल लेने के लिए उर्वरक एवं इसकी मात्रा की जानकारी देंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
मिर्च की फसल में फल फूल की मात्रा बढ़ाने के लिए उर्वरक प्रबंधन
खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 10 से 15 टन अच्छी तरह से गली हुई रूड़ी की खाद मिलाएं।
प्रति एकड़ खेत में नाइट्रोजन 25 किलोग्राम (55 किलोग्राम यूरिया), फॉस्फोरस 12 किलोग्राम (75 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट) एवं पोटैशियम 12 किलोग्राम (म्यूरेट ऑफ पोटाश 20 किलोग्राम) की आवश्यकता होती है।
बुवाई से पहले फॉस्फोरस और पोटैशियम की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा का प्रयोग करें।
बाकी बची हुई नाइट्रोजन का प्रयोग पहली मिर्च तुड़ाई के बाद इस्तेमाल करें।
बुवाई के समय खाद को कतारों में बीज के ठीक नीचे डालें।
फूल आते समय 30 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें।
फूल एवं फलों की संख्या बढ़ाने के लिए 15 लीटर पानी में 2 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस मिला कर छिड़काव करें।
फूल आते समय इथरेल 0.5 मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी में घोल कर फसल पर छिड़काव करें। इससे मादा फूलों की संख्या बढ़ जाती है और उपज में भी वृद्धि होती है।
अच्छी पैदावार लेने के लिए, टहनियां निकलने के 40-45 दिनों के बाद मोनो अमोनियम फासफेट 12:61:00 की 75 ग्राम को प्रति 15 लीटर पानी की स्प्रे करें।
फूल निकलने और फल बनने के समय सिंचाई आवश्य करें।
रोपाई-गुड़ाई के 25, 45 एवं 65 दिन बाद ट्राईकॉन्टानॉल 0.05% ईसी की 100 मिलीलीटर मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
अधिक पैदावार के साथ-साथ अधिक तुड़ाई करने के लिए, फूल निकलने के समय सलफर/बैनसल्फ 10 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें और कैल्श्यिम नाइट्रेट 10 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ स्प्रे करें।
बोरोन 20% की 300 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से फूल और फल आने की अवस्था में 15 दिन के समय अंतराल पर 2 बार छिड़काव करें।
खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मिर्च की खेती में फल-फूल की मात्रा के लिए उचित उर्वरक प्रबंध कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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