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मिर्च की फसल के लिए वरदान है यह उत्पाद, जानें कैसे करें इसका प्रयोग
मिर्च की फसल के लिए वरदान है यह उत्पाद, जानें कैसे करें इसका प्रयोग
मिर्च विटामिन ए व सी से भरपूर एक सब्जी की फसल है। जिसका इस्तेमाल मसाले के अलावा, सब्जी,अचार, चटनी इत्यादि के रूप में भी किया जाता है। मिर्च की फसल में पौधों के विकास एवं बेहतर उपज के लिए पोषक तत्व बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। सभी तत्व मृदा में प्राकृतिक तौर पर मौजूद होते हैं। लेकिन फसल की गुणवत्ता और ज़रूरत के अनुसार कई बार जड़ों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं जिसके कारण पोषक तत्त्वों की पूर्ती विभिन्न प्रकार के रासायनिक खादों से करनी पड़ती है।
12:61:0 ( मोनो अमोनियम फॉस्फेट)- इस उर्वरक में फास्फोरस तत्व सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। मिर्च एवं अन्य सब्जियों के वानस्पतिक एवं प्रजनन के आरंभिक अवस्था के लिए 12:61:0 घुलनशील उर्वरक किसानों के बीच बहुत प्रचलित है। घुलनशील होने के कारण यह उर्वरक ड्रिप सिंचाई और फोलिअर स्प्रे के लिए उत्तम माना गया है। उर्वरक नई जड़ की वृद्धि और वनस्पति के तेजी से विकास के साथ- साथ प्रजनन अंगों और निषेचन का उचित विकास करता है। साथ ही फूलों का झड़ना कम करने के साथ,फूलों से फल बनने की क्रिया को बढ़ाकर उपज की गुणवत्ता में वृद्धि करता है।
12:61:0 का प्रयोग
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प्रयोग का समय : वानस्पतिक विकास के दौरान
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उत्पाद सभी फसलों के लिए उपयुक्त है।
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फोलिअर स्प्रे करते समय मोनो अमोनियम फॉस्फेट (12- 61-0) फसल की बुवाई के 30 से 40 दिन बाद से फूल आने तक प्रयोग करना चाहिए।
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10 से 15 दिनों के अंतराल में 5 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से प्रति एकड़ खेत के लिए इसका उपयोग काफी है।
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