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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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मिर्च एवं बैंगन की फसल में मल्चिंग के फायदे

मिर्च एवं बैंगन की फसल में मल्चिंग के फायदे

कई प्रयासों के बावजूद कई बार किसानों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाटा है। इसके कई कारण होते हैं। जिनमे खरपतवार की अधिकता, सिंचाई में अधिक लागत, मिट्टी की घटती क्षमता, बीज के अंकुरण में कठिनाई, फलों की गुणवत्ता में कमी, आदि शामिल हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए मल्चिंग लगाना एक आसान तरीका है। तो आइए मिर्च एवं बैंगन की फसल में मल्चिंग विधि अपनाने के लाभ पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

मिर्च एवं बैंगन की फसल में मल्चिंग के फायदे

  • पौधों का बचाव : कई बार तेज हवाओं एवं वर्षा से छोटे पौधों को भारी क्षति पहुंचती है। मल्चिंग का प्रयोग करने से हम पौधों को तेज हवाओं एवं वर्षा से बचा सकते हैं।

  • उचित मात्रा में नमी : मल्चिंग के कारण मिट्टी के धूप कम लगती है। जिससे मिट्टी में अधिक समय तक नमी बनी रहती है और खेत की मिट्टी कठोर नहीं होती है।

  • मृदा क्षरण में कमी : खेत की मिट्टी पर वर्षा एवं तेज हवाओं का प्रभाव कम होता है। इस कारण मृदा क्षरण में कमी आती है।

  • अंकुरण में आसानी : प्लास्टिक मल्चिंग से रात के समय भी मिट्टी में उष्णता बनी रहती है। जिससे बीज के अंकुरण एवं पौधों की जड़ों का विकास अच्छा होता है।

  • खरपतवार में कमी : मल्चिंग विधि अपनाने से खरपतवार पनपने की संभावना कम हो जाती है।

  • उपज में वृद्धि : प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग करने से उपज में वृद्धि होती है।

  • पानी की बचत : वर्षा होने पर पानी की बूंदे मल्चिंग शीट की निचली सतह पर इकठ्ठा होती हैं और पौधों को मिलती हैं। जिससे सिंचाई के समय पानी की बचत होती है।

  • फलों की गुणवत्ता में वृद्धि : फल जमीन की सतह से सट कर खराब नहीं होते हैं।

  • मिट्टी की उर्वरक क्षमता में बढ़ोतरी : सूखी घास से की गई मल्चिंग कुछ समय बाद सड़ कर खाद बनने लगती है। जिससे खेत की उर्वरक क्षमता में भी वृद्धि होती है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मल्चिंग का प्रयोग कर के कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े सवाल आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछें।

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