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मई के महीने में ऐसे करें मसालों की खेती और पाएं अधिक आय

मई के महीने में ऐसे करें मसालों की खेती और पाएं अधिक आय

भारत के मसाले पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इसलिए इसे मसालों की भूमि कहा जाता है। ये पौष्टिक तत्वों और औषिधीय गुणों से भरपूर होते हैं। विश्व में मसालों के उत्पादन में भारत का पहला स्थान है। भारत विश्व के 60 प्रतिशत मसालों की पूर्ति करता है, इसलिए किसानों का मसालों की खेती की तरफ रुझान बढ़ रहा है। देश में लगभग 52 तरह के मसालों की खेती की जाती है। इनकी खेती के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है। सही समय पर सही देखभाल करना बहुत जरूरी है। तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि आप कैसे खेत तैयार कर सकते हैं? कब सिंचाई करनी है? इन सबकी जानकारी के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

इन मसाले वाली फसलों की करें खेती

  • मसाले वाली फसलों में लाल मिर्च, काली मिर्च, हल्दी, धनिया, जीरा, इलायची, अदरक, सौंफ, अजवायन, दालचीनी, तेज पत्ता, मेथी, लोंग, जायफल, आदि की खेती कर सकते हैं।

  • मसालों की खेती के लिए सरकार की तरफ से किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

मसालों की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं समय

  • मसालों की खेती के लिए बंजर और पथरीली भूमि को छोड़कर लगभग सभी प्रकार की मिट्टी अच्छी होती है।

  • मसालों की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

  • फसल के लिए जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए।

  • ग्रीष्मकालीन मसालों की खेती मई महीने में करें।

खेत की तैयारी एवं सिंचाई

  • खेती करने के लिए एक महीने पहले खेत की गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद कल्टीवेटर से 2 - 3 बार आड़ी-तिरछी जुताई करें।

  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल कर भुरभुरी बनाएं।

  • अधिक पैदावार के लिए 8 से 10 टन प्रति एकड़ के हिसाब से गोबर खाद का प्रयोग करें।

  • आखिरी जुताई से पहले एक एकड़ खेत में 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस एवं 20 किलोग्राम पोटाश मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं।

  • मिट्टी जनित रोगों से बचाव के लिए मिट्टी को फार्मलडीहाइड के घोल से उपचारित करें।

  • फसल की बुवाई के 40 से 45 दिन बाद नाइट्रोजन का दोबारा प्रयोग करें।

  • मसालों की फसल की बुवाई के 7 से 10 दिन बाद हल्की सिंचाई करें।

  • पौधों की बढ़वार के लिए बुवाई के 20 से 25 दिन बाद 2 बार निराई-गुड़ाई करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मसालों की खेती कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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