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मेथी
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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मेथी : इन किस्मों की करें खेती, होगी भरपूर पैदावार

मेथी : इन किस्मों की करें खेती, होगी भरपूर पैदावार

मेथी की खेती पत्तियां एवं दाने प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसकी पत्तियां एवं दाने विभिन्न व्यंजनों का स्वाद बढ़ाते हैं। इसके अलावा कई पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण मेथी से आयुर्वेदिक औषधियां एवं सौंदर्य प्रसाधन भी तैयार किए जाते हैं। बात करें इसकी खेती की तो भरपूर पैदावार के लिए सबसे पहले उन्नत किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए मेथी की कुछ उन्नत किस्मों की विशेषताएं एवं पैदावार की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • पूसा कसूरी : इस किस्म की खेती मुख्यतः हरी पत्तियों के लिए की जाती है। इस किस्म के पौधों में फूल देर से आते हैं। एक बार बुवाई करके 5 से 7 बार तक पत्तियों की कटाई की जा सकती है। इस किस्म के दाने छोटे आकार के होते हैं। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 2.5 से 2.8 क्विंटल तक बीज की पैदावार होती है।

  • आर.एम.टी 305 : यह मेथी की बौनी किस्मों में शामिल है। इस किस्म की फलियां जल्दी परिपक्व हो जाती हैं। इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किस्म चूर्णिल फफूंद रोग एवं मूलगांठ सूत्रकृमि रोग के लिए प्रतिरोधी है। प्रति एकड़ खेत से 5.2 से 6 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • राजेंद्र क्रांति : बिहार एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में खेती करने के लिए यह उपयुक्त किसमें है। इस किस्म को पक कर तैयार होने में करीब 120 दिनों का समय लगता है। यह किस्म छाछया रोग के साथ कैटरपिलर और माहू के प्रति मध्यम सहनशील है। प्रति एकड़ खेत से 5 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • ए.एफ.जी 2 : इस किस्म के पौधों की ऊंचाई मध्यम एवं पत्ते चौड़े होते हैं। अन्य किस्मों की तुलना में इस किस्म की मेथी में कड़वापन अधिक होता है। इस किस्म की खेती पत्तियों के लिए की जाती है। बीज की बुवाई के बाद पत्तियों की 3 बार कटाई की जा सकती है। इसके दाने छोटे आकार के होते हैं। प्रति एकड़ खेत से 7.2 से 8 क्विंटल तक बीज का उत्पादन होता है।

  • हिसार सोनाली : हरियाणा, राजस्थान एवं आसपास के क्षेत्रों में खेती करने के लिए उपयुक्त किसमें है। यह किस्म जड़ गलन रोग एवं धब्बा रोग के प्रति मध्यम सहनशील है। बुवाई के बाद 140 से 150 दिनों में फसल परिपक्व हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि से 6.8 से 8 क्विंटल उपज होती है।

इसके अलावा हमारे देश में मेथी की कई अन्य किस्मों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। जिसमें हिसार सुवर्णा, हिसार माध्वी, हिसार मुक्ता, ए.एएफ.जी 1, आर.एम.टी 1, आर.एम.टी 143, आर.एम.टी 303, पूसा अर्ली बंचिंग, लाम सेलेक्शन 1, को 1, एच.एम 103, आदि किस्में शामिल हैं।

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