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मेंथा / पुदीना
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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मेंथा की खेती के समय खरपतवार पर सही नियंत्रण

मेंथा की खेती के समय खरपतवार पर सही नियंत्रण

भारत में मेंथा यानी पुदीना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यह आमतौर पर मार्च-अप्रैल के आस-पास बोया जाता है और जून-जुलाई में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। मेंथा की फसल के साथ अनेक खरपतवार उग आते हैं, जो पौधों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और सीधे तौर पर आय में होने वाले नुकसान का कारण बनते हैं। अगर आप भी मेंथा में होने वाले खरपतवार को नियंत्रित करने के उपाय ढूंढ रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

मेंथा की खेती में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए किए जाने वाले कार्य

  • मेंथा में 2 से 3 बार निराई-गुड़ाई करें।

  • खेत को खरपतवार मुक्त बनाने के लिए सिनबार का 400 ग्राम प्रति एकड़ में प्रयोग करें।

  • निराई संभव न होने पर पेंडीमेथालिन 30 ई. सी के 1.3 लीटर प्रति एकड़ को 280 से 320 लीटर पानी में घोल कर बुवाई के बाद खेत में छिड़काव कर देना चाहिए।

  • सकरी पत्ती के खरपतवार पर नियंत्रण के लिए 150 से 200 लीटर पानी के साथ 500 मिलीलीटर अदामा का एजिला मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।

  • चौड़ी पत्ती के खरपतवार के लिए प्रति एकड़ खेत में 100 मिलीलीटर आईपीएल सफर का छिड़काव भी खरपतवारों के नियंत्रण में कारगर सिद्ध हो सकता है।

  • खरपतवारों की अधिकता होने पर प्रति एकड़ भूमि में 1.6 किलोग्राम Dalapon का छिड़काव करें।

  • ध्यान रखें कि दवा का छिड़काव करते समय खेत में नमी बनी रहे।

  • तेजी से उगने वाले खरपतवार के लिए 800 ग्राम ड्यूरोन प्रति एकड़ के अनुसार प्रयोग करें। यह मिट्टी को जीवाणु से बचाने में भी मदद करता है।

खरपतवारों से होने वाले नुकसान

  • खरपतवार फसलों को 47% नाइट्रोजन, 42% फॉस्फोरस, 50% पोटाश, 39% कैल्शियम और 24% मैग्नेशियम पोषक तत्वों से वंचित कर सकते हैं।

  • खरपतवार कीटों, रोग और अन्य सूक्ष्मजीवों को आश्रय देते हैं।

  • खरपतवार यांत्रिक बुवाई और कटाई को एक कठिन प्रक्रिया बना देते हैं।

  • खरपतवार कम विकसित देशों में 25% आय हानि का कारण बनते हैं।

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ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हैं। पोस्ट को लाइक करना एवं अन्य किसानों के साथ साझा करना न भूलें। साथ ही कृषि संबंधित ऐसी ही ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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