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औषधीय पौधे
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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मधुमेह रोगियों के लिए असरदार है यह औषधि, बाजार में मिलते हैं अच्छे दाम

मधुमेह रोगियों के लिए असरदार है यह औषधि, बाजार में मिलते हैं अच्छे दाम

भारत देश को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है और ऐसा हो भी क्यों न लगभग 3000 साल पुरानी यह कला आज स्वास्थ्य देखभाल की एक पसंदीदा रूप बनी हुई है। विश्व भर में आधुनिक चिकित्सा के साथ संयुक्त रूप से इस प्रणाली का उपयोग किया जाने लगा है, साथ ही औषधि की लगातार बढ़ती मांग ने किसानों को भी औषधीय खेती खेती की ओर आकर्षित किया है। औषधीय खेती की इस श्रृंखला में आज हम ऐसी ही एक अद्भुत औषधि से आपका परिचय कराएंगें, जिसे सामान्य भाषा में गुड़मार के नाम से भी जाना जाता है।

गुड़मार एस्‍कलपिडेसी कुल की वनस्पति है, जिसके पत्तों तथा जड़ो का प्रयोग मधुमेह नियंत्रण के रूप में किया जाता है। यह पौधा बेल के रूप में विकास करता है, जिससे साल भर में लगभग 2 बार पत्तियों की तुड़ाई की जा सकती है। गुड़मार बहुवर्षीय फसल होने के कारण लगभग 20 से 30 वर्षों तक उपज देने के लिए जाना जाता है।

कैसे करें गुड़मार की खेती?

गुड़मार के पौधे नर्सरी में अप्रैल से मई माह के मध्य तैयार कर लिए जाते हैं, जो जुलाई से अगस्त तक खेत में रोपण के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। इसके अलावा पौधों को कलम के द्वारा भी तैयार किया जा सकता है, जिसके लिए जनवरी-फरवरी का समय उत्तम होता है। गुड़मार की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है और गर्मियों में 10 से 15 दिन एवं सर्दियों में 20 से 25 दिन के अंतराल में एक बार सिंचाई करने पर फसल की बढ़वार अच्छी मिलती है। पौधों के लिए अधिक बारिश या जलजमाव जैसी स्थितियां मुश्किलें पैदा कर सकती है, पत्तियों का पीला होना इसके मुख्य लक्षणों में से एक है।

गुड़मार की खेती के लिए प्रति एकड़ 4000 पौधों की आवश्यकता पड़ती है। पौधे 10 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान पर तेजी से विकास करते हैं। इसके साथ ही पौधों के उचित विकास के लिए लगभग 5 टन प्रति एकड़ गोबर की गली सड़ी खाद पर्याप्त रहती है। पौधों से तीसरे वर्ष से लगभग 5 किलोग्राम गीली पत्तियां अथवा एक किलोग्राम सूखी पत्तियां प्राप्त की जा सकती है और प्रति एकड़ 1.5 से 2.5 क्विंटल पत्तियां प्राप्त होती हैं।

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गुड़मार अपने औषधीय गुणों के कारण मधुमेह रोगियों के बीच एक विख्यात औषधि है और बाजार में अच्छे भाव मिलने के कारण किसानों के लिए फायदेमंद फसल मानी जाती है। गुड़मार की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़ सकते हैं।


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