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मछली पालन : मछलियों को हो रहा लाल चकता रोग, जानें बचाव के तरीके
मछली पालन : मछलियों को हो रहा लाल चकता रोग, जानें बचाव के तरीके
लाल चकता रोग को ई.यू.एस. रोग एवं लाल रोग महामारी के नाम से भी जाना जाता है। यह मछलियों को होने वाले कुछ घातक रोगों में शामिल है। समय रहते यदि इस रोग पर नियंत्रण नहीं किया गया तो मछलियां मरने लगती हैं। आइए मछलियों को होने वाले लाल चकता रोग के लक्षण एवं इस रोग से बचने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
लाल चकता रोग के लक्षण
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इस रोग के होने पर मछलियों के शरीर पर लाल रंग के चकते उभरने लगते हैं।
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मछलियों के सिर एवं पूंछ वाले हिस्सों में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है।
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रोग बढ़ने पर यह चकते घाव में बदलने लगते हैं।
मछलियों को लाल चकता रोग से बचाने के तरीके
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प्रति एकड़ तालाब में 240 किलोग्राम चूना को 3 भागों में बांट कर 1 सप्ताह के अंतराल पर प्रयोग करें।
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तालाब के पानी में ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करने से भी इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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इसके अलावा मछलियों के प्रति किलोग्राम आहार में 100 मिलीग्राम टेरामाइसीन मिला कर दें।
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प्रति एकड़ तालाब में 40 किलोग्राम चूना एवं 4 किलोग्राम हल्दी पाउडर का 5 दिनों के अंतराल पर 3 बार प्रयोग करें।
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