पोस्ट विवरण
सुने
सब्जियां
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
Follow

मार्च के अंत में किए जाने वाले कृषि कार्य

मार्च के अंत में किए जाने वाले कृषि कार्य

मार्च के महीने में यानी वसंत ऋतू में गर्मी बढ़ने लगती है इसलिए पौधों को पानी की आवश्यकता भी अधिक होती है। सिंचाई के अलावा इस समय कई फसलों की बुवाई एवं कई फसलों की कटाई भी की जाती है। यदि आप भी जुड़े हैं कृषि क्षेत्र से तो विभिन्न फसलों की अच्छी पैदावार के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

  • गेहूं : इस समय गेहूं की बालियों में दाने बनने लगते हैं या दाने सख्त होने लगते हैं। इस अवस्था में पौधों को उचित मात्रा में नमी नहीं मिलने पर पैदावार में कमी आ सकती है। इसलिए मिट्टी में नमी की मात्रा को बनाए रखने के लिए आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें।

  • सूरजमुखी : यदि आपने मार्च महीने की शुरुआत में सूरजमुखी की बुवाई कर ली है तो 20 से 25 दिनों बाद पहली सिंचाई करें। इसके साथ ही प्रति एकड़ भूमि में 12 किलोग्राम नाइट्रोजन का छिड़काव करें। इसके बाद पौधों की जड़ों के पास मिट्टी चढ़ाएं।

  • खीरा एवं ककड़ी : आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें। खरपतवार पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें।

  • पेठा : गर्मी के मौसम में फसल प्राप्त करने के लिए पेठे के बीज की बुवाई करें। यदि बीज पहले से उपचारित नहीं है तो बुवाई से पहले बीज को थीरम से उपचारित करें। प्रति एकड़ खेत में 2.4 से 3.2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • पालक : पालक की बुवाई के 3 से 4 हफ्ते बाद इसकी पहली कटाई की जा सकती है। यदि आपने फरवरी महीने के अंत में पालक की बुवाई की है तो पालक की फसल 15 से 30 सेंटीमीटर तक होगी। इस समय पालक की पहली कटाई करें। इसके बाद हर 15 से 20 दिनों बाद आप इसकी कटाई कर सकते हैं।

  • लीची : छोटे फलों को झड़ने से बचाने के लिए 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर प्लानोफिक्स मिलाकर छिड़काव करें।

यह भी पढ़ें :

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

16 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ