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लोबिया
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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लोबिया की खेती है फायदेमंद, ऐसे करेंगे खेती तो होगा अधिक मुनाफा

लोबिया की खेती है फायदेमंद, ऐसे करेंगे खेती तो होगा अधिक मुनाफा

प्रोटीन, फास्फोरस, कैल्शियम आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर लोबिया जल्दी तैयार होने वाली फसलों में से एक है। इसकी खेती कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश  प्रमुखता से की जाती है। इसकी फलियों एवं बीज की सब्जी बनाई जाती है। इसके अलावा इसका उपयोग हरी खाद एवं चारे के तौर पर भी किया जाता है। जल्दी तैयार होने के कारण इसकी खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित होती है। अगर आप भी करना चाहते हैं लोबिया की खेती तो इसकी खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां यहां से प्राप्त करें।

बुवाई का उपयुक्त समय

  • लोबिया की खरीफ और रबी के साथ गर्मी के मौसम में भी की जा सकती है।

  • खरीफ में खेती करने के लिए जून से जुलाई महीने में इसकी बुवाई करें।

  • रबी में खेती करने के लिए अक्टूबर से नवंबर महीने में इसकी बुवाई की जाती है।

  • मैदानी क्षेत्रों में लोबिया की खेती फरवरी से अक्टूबर तक की जा सकती है।

खेत तैयार करने की विधि एवं उर्वरक की मात्रा

  • खेत की एक बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए 2 से 3 बार हल्की जुताई करें और पाटा लगाएं।

  • आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 12 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस एवं 16 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।

  • अच्छी फसल के लिए बुआई से करीब 2 सप्ताह पहले प्रति एकड़ जमीन में लगभग 22 से 25 टन कम्पोस्ट खाद मिलाएं।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।

  • पौधों में फूल निकलने के समय एवं फलियां बनने के समय मिट्टी में नमी की कमी न होने दें।

  • गर्मी के मौसम में सप्ताह में 1 बार सिंचाई करें।

  • ठंड के मौसम में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • बीज की बुवाई के बाद फूल आने तक खरपतवार पर नियंत्रण करना आवश्यक है।

  • खरपतवार को पनपने से रोकने के लिए बुवाई के 24 घंटे के अंदर 200 लीटर पानी में 750 मिलीलीटर पेंडीमेथेलिन मिला कर छिड़काव करें।

  • खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई एक बेहतर विकल्प है। आवश्यकता होने पर खेत में निराई-गुड़ाई करें।

कटाई

  • बुवाई के करीब 45 से 50 दिनों बाद फलियां आने लगती हैं।

  • सभी फलियां एक साथ नहीं पक्ति हैं। इसलिए फलियों की तुड़ाई 3-4 बार में करें।

  • फलियों को तोड़ने के बाद अच्छी तरह धूप में सूखा लें और दाने अलग कर लें।

  • यदि सब्जी के लिए लोबिया की खेती कर रहे हैं तो पकने से पहले ही हरी एवं नरम फलियों की तुड़ाई करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। लोबिया की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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