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लीची की फसल में स्टोन बोरर से बचाव के उपाय
लीची की फसल में स्टोन बोरर से बचाव के उपाय
स्टोन बोरर कीट लीची की फसल सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाले कीटों में शामिल हैं। मादा कीट पत्तियों की निचली सतह या लीची के फलों में अंडे देती हैं। अंडों से निकलने वाला लार्वा दूधिया सफेद रंग का होता है। इस कीट के कारण फलों की गुणवत्ता कम हो जाती है और फलों के बाजार मूल्य में भी कमी आती है। फलस्वरूप किसानों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। आइए स्टोन बोरर कीट के प्रकोप का लक्षण एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
स्टोन बोरर कीट किस तरह फलों को क्षति पहुंचाते हैं?
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छिलकों को डंठल के पास से हटाने पर यह कीट देखे जा सकते हैं।
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यह कीट फलों को अंदर से खाते हैं।
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प्रभावित फलों के डंठल के पास काले रंग के धब्बे नजर आते हैं।
स्टोन बोरर कीट पर कैसे करें नियंत्रण?
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जैविक विधि से स्टोन बोरर कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम का तेल मिला कर छिड़काव करें।
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वृक्षों में मंजर आने से ले कर फलों का लौंग के आकार का होने तक नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर कराटे या 1 मिलीलीटर अलांटो मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर रीमॉन मिला कर छिड़काव करने से भी इस कीट के प्रकोप को कम किया जा सकता है।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करने से स्टोन बोरर कीट पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग कर के आप स्टोन बोरर कीट पर आसानी से नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। लीची की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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