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लीची
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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लीची की बाग में गर्डलिंग : निरंतर फलन के उपाय

लीची की बाग में गर्डलिंग : निरंतर फलन के उपाय

सितंबर महीने में लीची के पौधों की देखभाल करना बहुत आवश्यक है। इस समय पौधों में गर्डलिंग करने से हम आने वाले मौसम में लीची की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको गर्डलिंग की जानकारी नहीं है तो यहां से आप गर्डलिंग के फायदे एवं इसकी प्रक्रिया देख सकते हैं।

गर्डलिंग क्या है?

  • लीची के पौधों से छाल हटाकर छल्ला बनाने की प्रक्रिया को गर्डलिंग कहते हैं।

  • इस प्रक्रिया में लीची के पौधों में नियमित पुष्पण एवं फलन के लिए पौधों के तीन-चौथाई प्राथमिक शाखाओं में 3 मिलीमीटर चौड़े एवं 3 मिलीमीटर गहरे, गोल आकार में छाल हटाकर वलय या छल्ला बनाया जाता है ।

गर्डलिंग करने का उपयुक्त समय

  • शाही किस्म के पौधों में अगस्त के अंतिम सप्ताह में गर्डलिंग करें।

  • वहीं चाइना किस्मों में सितंबर के पहले सप्ताह में गर्डलिंग करनी चाहिए।

गर्डलिंग करने के फायदे

  • पौधों की टहनियों में मंजर और फूल अच्छे निकलते हैं।

  • छल्ला बनाने से टहनियों में हमेशा मंजर निकलने की संभावना प्रबल हो जाती है तथा फलों का मिठास बढ़ जाता है।

गर्डलिंग करने का तरीका

  • लीची के पौधों की प्राथमिक शाखाओं में जमीन से तीन चौथाई ऊपर 2 से 3 मिलीमीटर चौड़े आकार में पौधों की छाल को काटकर हटाया जाता है।

  • लीची के पेड़ में हर वर्ष गर्डलिंग करना आवश्यक है।

  • पिछले वर्ष की गई गर्डलिंग से करीब 1.5 इंच ऊपर गर्डलिंग की जाती है।

  • अगले वर्ष इस वर्ष किए गए स्थान से 1.5 इंच ऊपर गर्डलिंग करें।

यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी आवश्यक लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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