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लीची के पत्तों को क्षति पहुंचाने वाले कीट
लीची के पत्तों को क्षति पहुंचाने वाले कीट
लीची के पौधों में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। इनमें से कई कीट पत्तियों को क्षति पहुंचाते हैं। जिससे लीची की पैदावार पर प्रतिकूल असर होता है। पत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले कीटों में लीफ रोलर यानी पत्ती लपेटक कीट एवं लूपर कीट भी शामिल है। इन कीटों से होने वाले नुकसान एवं इन पर नियंत्रण के उपाय यहां से देखें।
पत्ती लपेटक कीट की पहचान
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इसकी लंबाई 10 से 15 मिलीमीटर एवं रंग हरा होता है।
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यह कीट वर्षा के मौसम में अधिक पाए जाते हैं।
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दिसंबर से फरवरी महीने में इनका प्रकोप सबसे अधिक होता है।
पत्ती लपेटक कीट के प्रकोप का लक्षण
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मादा कीट कोमल पत्तियों की निचली सतह पर अंडे देती हैं।
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अंडों से लार्वा निकलने में 2 से 8 दिनों का समय लगता है।
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यह कीट पत्तियों को मोड़ने लगते हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां मुरझाने लगती हैं।
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प्रभावित पेड़ों में मंजर काफी कम निकलते हैं। फलस्वरूप पैदावार में कमी आती है।
लूपर कीट की पहचान
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यह कीट हरे एवं गहरे भूरे रंग के होते हैं।
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इनकी लंबाई 25 से 55 मिलीमीटर तक होती है।
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जुलाई से दिसंबर महीने में इस कीट का प्रकोप होता है।
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सितंबर-अक्टूबर में लूपर कीट का प्रकोप बढ़ जाता है।
लूपर कीट के प्रकोप का लक्षण
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यह कीट पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे पत्तियां सूखने लगती हैं।
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इसके साथ यह नए अंकुरों को भी नष्ट करते हैं।
इन कीटों पर नियंत्रण के तरीके
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जिन पत्तियों पर अंडे एवं लार्वा दिखे उन्हें तोड़ कर नष्ट कर देना चाहिए।
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कीट पर नियंत्रण के लिए बाग में फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
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जैविक नियंत्रण के लिए प्रति पेड़ में 4 किलोग्राम अरंडी एवं 1 किलोग्राम नीम की खली का प्रयोग करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर अलान्टो या कराटे मिलाकर छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर रीजेंट एस.सी. मिलाकर भी छिड़काव करने से इन कीटों पर नियंत्रण होता है।
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कीटों पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 2 ग्राम जम्प मिलाकर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर कुछ दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं लीची के पत्तों को क्षति पहुंचाने वाले कीटों पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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