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नाशीजीव प्रबंधन
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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लीची के फलों के फटने का कारण एवं रोकथाम के उपाय

लीची के फलों के फटने का कारण एवं रोकथाम के उपाय

लीची का फल बहुत ही रसीला एवं बाहर से लाल रंग का होता है। विश्व में लीची उत्पादन में भारत का दूसर स्थान है। इसके फल से जैम, जूस, जेली, शरबत, कार्बोनेटिड पेय, आदि पदार्थ बनाये जाते हैं। बाजार में लीची की मांग बहुत रहती है इसलिए किसान इसकी बागवानी पर विशेष ध्यान देते हैं। किंतु कई बार लीची की फसल में काफी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसमें से फल फटने की समस्या आम है। इसके कारण फसल का उत्पादन प्रभावित होता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को लीची के फल फटने के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय बताएंगे। जिनका उपयोग कर किसान लीची से बेहतर उत्पादन ले सकते हैं। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

फल फटने का कारण एवं लक्षण

  • फल विकसित होते समय चलने वाली तेज गर्म हवा के कारण फटने लगते हैं।

  • सिंचाई न करने से भी फल फटने लगते हैं।

  • मिट्टी में अधिक नमी के कारण भी फल फट जाते हैं।

  • यह समस्या जल्दी पकने वाली किस्म की फसलों में ज्यादातर देखने को मिलती है।

  • समस्या बढ़ने पर फटने के बाद फल सड़ जाते हैं।

रोकथाम के उपाय

  • मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।

  • मई के पहले सप्ताह से जब फल पकने शुरू हो तब से लेकर फलों की तुड़ाई तक बाग में हल्की सिंचाई करें।

  • बाग के चारों तरफ वायुरोधी शीट का उपयोग करें।

  • लीची के पौधों पर पानी का छिड़काव करें।

  • फल विकसित होने के 15 दिन बाद बोरेक्स की 5 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

  • बोरेक्स घोल का 15 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और लीची के फलों को फटने से रोक, फसल से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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