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लीची : छाल खाने वाले कीट से बचाव
लीची : छाल खाने वाले कीट से बचाव
लीची की पेड़ में कई तरह के कीट का प्रकोप देखा जाता है। जिनमे से एक है छाल खाने वाले कीट। यह कीट तनों एवं डालियों में सुरंग बना कर उन्हें कमजोर कर देते हैं। जिससे पेड़ सूख जाते हैं या तेज हवा चलने पर टूट भी सकते हैं। इस कीट से होने वाले नुकसान एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।
कीट से होने वाले नुकसान
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यह कीट पेड़ के मुख्य तने और मोटी शाखाओं में सुरंग या छेद बना कर उन्हें अंदर से खोखला कर देते हैं।
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इनके प्रकोप का एक मुख्य लक्षण इनके मल से बने जाल का तनों पर दिखाई देना है।
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दिन के समय यह कीट तनों और शाखाओं पर बनाए गए छेदों में रहते हैं।
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रात होने पर यह कीट बाहर निकलते हैं और पेड़ की छाल को खाना शुरू कर देते हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधों का विकास रुक जाता है और पौधे सूखने लगते हैं। जिससे पैदावार में भारी कमी होती है।
कैसे करें नियंत्रण?
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पेड़ के मुख्य तने एवं डालियों से कीट के द्वारा बनाए गए जालों को साफ करें।
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जालों को साफ करने के बाद कीटों के द्वारा बनाए गए सुरंग और छोटे छेदों में लोहे की तार डाल कर कीड़ों को मारने का प्रयास करें।
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रुई या किसी कपड़े को किरासन तेल या पेट्रोल से भिंगोकर छेद में डाल कर छेद को गीली मिट्टी से बंद करें।
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इसके अलावा प्रत्येक सुरंग में 20 से 25 बूंद क्लोरपाइरफोस के सांद्र घोल का भी प्रयोग कर सकते हैं। दवा का घोल डालने के बाद सुरंग के मुंह को मिट्टी से बंद कर दें।
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प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर क्लोरपाइरफोस मिला कर छिड़काव करने से भी इस कीट से निजात मिल सकता है।
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आवश्यकता के अनुसार 15 दिनों के अंतराल पर 3 से 4 बार छिड़काव कर सकते हैं।
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इस कीट से प्रभावित पेड़ों को हर 15 दिनों के अंतराल पर ब्रश की सहायता से साफ करें। इससे पहले से मौजूद जाल साफ होंगे और कीट का प्रकोप कम होगा।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताए गए उपायों को अपना कर आप लीची के पेड़ों को छाल खाने वाले कीट से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। अगर आपके मन में इससे जुड़े सवाल हैं तो अपने सवाल हमसे बेझिझक कमेंट के माध्यम से पूछें।
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