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लहसुन : रस चूसक कीट प्रबंधन
लहसुन : रस चूसक कीट प्रबंधन
रस चूसक कीट के कारण लहसुन की फसल को भारी क्षति पहुंचती है। लहसुन की फसल में रस चूसक कीटों में सबसे अधिक थ्रिप्स का प्रकोप होता है। समूह में रहने वाले यह कीट पत्तियों के अंदर छिपे रहते हैं। इस कीट की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के उपाय जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
कीट की पहचान
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यह कीट सफेद, भूरे या हलके पीले रंग के होते हैं।
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इसकी लंबाई करीब 1 से 2 मिलीमीटर होती है।
होने वाले नुकसान
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यह कीट पौधों की कोमल पत्तियों का रस चूसते हैं।
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प्रभावित पत्तियों पर सफेद रंग के धब्बे नजर आने लगते हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं।
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धीरे-धीरे पौधों का विकास रुक जाता है।
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प्रभावित पौधों के कंद का आकार छोटा रह जाता है।
नियंत्रण के तरीके
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लक्षण दिखने पर प्रति लीटर पानी में 3 से 5 मिलीलीटर इकोनीम या ग्रेनीम मिलाकर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 10 से 12 दिनों के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव कर सकते हैं।
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15 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करने से लहसुन की फसल में रस चूसक कीट से छुटकारा मिल सकता है।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर डाइमेथोएट 30 ई.सी मिलाकर छिड़काव करें।
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15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करने से भी रस चूसक कीट पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
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प्रत्येक छिड़काव के बाद स्टीकर का प्रयोग करें।
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इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप रस चूसक कीटों पर पूरी तरह नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। लहसुन की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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