कहीं आपकी लहसुन की फसल जलेबी रोग के कारण प्रभावित तो नहीं हो रही है? यदि आपका जवाब हां है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप जलेबी रोग का कारण एवं बचाव के उपाय देख सकते हैं। सबसे पहले बात करते हैं इस रोग के कारण की। लहसुन की फसल में जलेबी रोग होने का प्रमुख कारण है थ्रिप्स। थ्रिप्स के प्रकोप से पत्तियां मुड़ने लगती हैं। यदि समय रहते इस कीट पर नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल में जलेबी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस रोग के लक्षण।
जलेबी रोग का लक्षण
इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां टेढ़ी-मेढ़ी होने लगती हैं।
रोग बढ़ने पर पौधों की पूरी पत्तियां जलेबी की तरह मुड़ जाती हैं।
कुछ समय बाद पौधों का विकास रुक जाता है।
नियंत्रण के तरीके
थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें।
150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करने से थ्रिप्स पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं।
दवाओं के छिड़काव के बाद स्टीकर का प्रयोग करें।
जैविक विधि से नियंत्रण के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें या प्रति लीटर पानी में 3 से 5 मिलीलीटर इकोनीम मिलाकर छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग करके आप लहसुन की फसल को जलेबी रोग से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी के द्वारा अपनी फसल को जलेबी रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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