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लहसुन की फसल में उर्वरक प्रबंधन की सम्पूर्ण जानकारी
लहसुन की फसल में उर्वरक प्रबंधन की सम्पूर्ण जानकारी
लहसुन की उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए उर्वरक प्रबंधन की जानकारी होना आवश्यक है। लहसुन की फसल में सही समय पर एवं सही मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति होने से लहसुन की गांठें बड़ी होती हैं। वहीं यदि फसल में आवश्यकता से अधिक मात्रा में यूरिया का प्रयोग किया गया तो खुदाई के बाद गांठें एवं कलियां जल्दी खराब होने लगती हैं। अगर आप भी कर रहे हैं लहसुन की खेती तो इस पोस्ट के माध्यम से उर्वरक प्रबंधन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
खेत तैयार करते समय
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प्रति एकड़ भूमि में 80 क्विंटल अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का प्रयोग करें।
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खेत तैयार करते समय एनपीके 12:32:16 एवं सिंगल सुपर फॉस्फेट
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या डीएपी 18:46:0 के साथ एमओपी एवं सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करें।
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यदि आप 12:32:16 एनपीके खाद या डी.ए.पी खाद का प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो प्रति एकड़ खेत में 46 प्रतिशत नाइट्रोजन युक्त 25 किलोग्राम की दर से यूरिया का प्रयोग करें।
खड़ी फसल में
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फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में 5 किलोग्राम माइक्रो न्यूट्रिएंट का प्रयोग करें।
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पत्तियों में पीलापन नजर आने पर नाइट्रोजन की मात्रा की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में 1 किलोग्राम एन.पी.के 19:19:19 का प्रयोग करें।
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इसके अलावा खुदाई से करीब 30 दिनों पहले प्रति एकड़ खेत में 20 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं।
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