लहसुन भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण जड़ वाली फसल है। इसका रसोई में तथा चिकित्सा लाभ के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लहसुन की खेती केवल रबी के मौसम में की जाती है। फसल को 130 से 180 दिन में पूरी तरह पक कर तैयार हो जाती है। पूरी तरह तैयार होने पर फसल की पत्तियां पीली होकर और सूख कर गिरने लगती हैं। साथ ही कंद के आस-पास पौधों की जकड़ कमजोर पड़ने से भी फसल के पकने का अनुमान लगाया जा सकता है। फसल की इस अवस्था में सिंचाई पूरी तरह से रोक देनी चाहिए और कुछ दिनों बाद फसल की खुदाई शुरू कर देनी चाहिए। लहसुन की खुदाई का उपयुक्त समय और खुदाई के समय ध्यान रखने वाली बातों की अधिक जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।
लहसुन की खुदाई का सही समय
लहसुन की खुदाई मार्च से अप्रैल महीने में की जाती है।
लहसुन की खुदाई के समय रखें इन बातों का ध्यान
लहसुन की मिट्टी पर पकड़ कमजोर होने से हाथ से भी इसकी खुदाई की जा सकती है।
इसके अलावा कुदाल के प्रयोग से भी लहसुन की खुदाई की जा सकती है।
कुदाल से खुदाई करते समय नोक को जड़ पर न लगने दें।
लहसुन हार्वेस्टर या अन्य हार्वेस्टिंग यंत्रों के प्रयोग से भी लहसुन की खुदाई को आसान बनाया जा सकता है।
लहसुन की खुदाई के बाद रखें इन बातों का ध्यान
लहसुन को खेत में ही पत्तियों सहित सूखने दें।
लहसुन में उपस्थित नमी होने के अनुसार ही इसे धूप में रखें। अधिक नमी या अधिक धूप फसल को खराब कर सकती है।
अधिक समय तक भंडारण के लिए लहसुन को 2 से 3 सेंटीमीटर डंठल सहित काटें।
पर्याप्त भंडारण व्यवस्था उपलब्ध होने पर लहसुन को पत्तियों सहित बंडल बना कर रखें।
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