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लगातार सूख रहे हैं मूंगफली के पौधे, जानें वजह एवं नियंत्रण के उपाय
लगातार सूख रहे हैं मूंगफली के पौधे, जानें वजह एवं नियंत्रण के उपाय
मूंगफली भारत की प्रमुख तिलहन फसलों में से एक है। इसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ सीजन में की जाती है। बारिश के मौसम में मूंगफली की फसल में कई प्रकार के कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है, जो लगातार इसकी शुरुआती अवस्था से कटाई तक उपज को प्रभावित करते हैं। जिनमें सबसे ज्यादा फसल को सफ़ेद गिडार कीट नुकसान पहुंचाते हैं। ये कीट जमीन के अंदर गहराई में जाकर रात के समय पौधों की जड़ो पर हमला करते हैं। जड़ो के क्षतिग्रस्त होने पर पौधों को पोषण नहीं मिल पाता है जिससे फसल पीली होकर सूखने लगती है। खेत में मूंगफली के पीले पौधों को उखाड़कर इसके संक्रमण को क्षतिग्रस्त जड़ों पर आसानी से देखा जा सकता है।
सफ़ेद गिडार की पहचान
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यह एक सफेद रंग का भूमिगत कीट है, जो अंग्रेजी के अक्षर “C” नुमा आकृति जैसा दिखाई देता है।
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कीट का वयस्क (प्यूपा) जमीन के अंदर 10 सेंटीमीटर की गहराई पर अंडे देकर रहता है।
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अंडों से केवल 7 से 8 दिनों में ही लगभग 12 मिलीमीटर लंबाई वाले लार्वा निकल जाते हैं।
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कीट का प्रकोप वर्षा के मौसम में अधिक बढ़ जाता है। साथ ही कीट रात के समय पर अधिक सक्रिय होकर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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इसका प्रकोप मुख्य रूप से किसानों द्वारा पौधे में कच्ची गोबर की खाद देने से होता है।
नियंत्रण के उपाय
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यह कीट गोबर की ओर आकर्षित होते हैं। इसलिए पौधों के आसपास गोबर के छोटे-छोटे ढेर बना लें। जिससे बहुत ही कम समय में ये कीट गोबर के ढेर में एकत्रित हो जाएंगे और उन्हें आसानी से हटाया जा सकता है।
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फसल पर कीट का प्रकोप दिखने पर फिप्रोनिल 40% के साथ इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यू पी की 100-120 ग्राम मात्रा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मानसून की पहली बारिश के बाद शाम 7 बजे से रात 10 के बीच एक लाइट ट्रैप प्रति एकड़ खेत के अनुसार प्रयोग करें।
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मूंगफली में सफेद गिडार कीट की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़कर उचित सलाह लें और समय पर फसल का बचाव करें। साथ ही अपने नज़दीकी देहात केंद्र से उच्च गुणवत्ता के उर्वरक एवं कीटनाशक खरीद जैसी सुविधा का लाभ उठाएं।
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