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लौकी में अधिक बढ़वार के लिए ऐसे करे उचित उर्वरक प्रबंधन
लौकी में अधिक बढ़वार के लिए ऐसे करे उचित उर्वरक प्रबंधन
लौकी की फसल खरीफ और जायद दोनों ही मौसम में उगाई जा सकती है। लौकी की एक बेल औसतन 50 से 150 लौकी तक की पैदावार देती है। लेकिन एक अच्छी तकनीक और बेहतर उर्वरक प्रबंधन के प्रयोग से इस पैदावार को चार गुणा तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा यह एक गर्म जलवायु में उगने वाली फसल है, जिसमें हाईब्रीड बीज का प्रयोग कर सर्दियों में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। अगर आप भी लौकी की खेती कर रहें हैं तो हमारे साथ जानें एक बेहतर पैदावार के लिए उचित उर्वरक प्रबंधन के उपाय।
लौकी में कम पैदावार के कारण
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समय-समय पर निराई गुड़ाई न करना।
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कीटों का अत्यधिक प्रकोप।
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मिट्टी में उर्वरक की कमी होना।
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फसल कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई न करना।
लौकी में अधिक पैदावार के लिए उचित उर्वरक प्रबंधन
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खेत की जुताई से पहले 8 से 12 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद का प्रयोग करें।
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20 किलोग्राम नाइट्रोजन को तीन भागों में विभाजित करें। 10 किलोग्राम नाइट्रोजन को 16 किलोग्राम फास्फोरस एवं 16 किलोग्राम पोटाश का मिश्रण बनाकर अंतिम जुताई के समय प्रयोग करें।
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नाइट्रोजन की शेष मात्रा को बराबर भागों में बांट कर पत्ते और फूल लगने के समय खेत में डालें।
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खेत में उर्वरक प्रबंधन के प्रयोग से पहले अपनी मिट्टी की जांच अवश्य करा लें।
यह भी देखें।
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