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लौकी में 2G और 3G कटिंग का महत्व एवं लाभ

लौकी में 2G और 3G कटिंग का महत्व एवं लाभ

भारत में लौकी की खेती तीनों ही मौसम में की जाती है। यह एक मुख्य बेल वाली फसल है। जिसके स्वाद, पोषण और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण बाजार में निरंतर रूप से इसकी मांग बनी हुई होती है। लौकी की फसल में फल और फूलों की मात्रा बढ़ाने के लिए 2G और 3G कटिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता है। लौकी में 2G और 3G कटिंग का महत्व और फायदों से जुड़ी अधिक जानकारी यहां से देखें।

क्या है 2G और 3G कटिंग

  • 2G कटिंग- पौधों की शाखाएं एक मीटर लम्बी हो जाने पर उसके ऊपरी हिस्से को काट दिया जाता है। जिससे वह अधिक लम्बी न हो पाएं। पौधों में इस प्रक्रिया के बाद दूसरी पीढ़ी की शाखाएं निकलती है और पहली पत्ती के पास मादा फूल बनने लगते हैं। पहली पीढ़ी की शाखाओं में केवल नर फूल निकलते हैं जिससे फल नहीं बन पाते हैं।

  • 3G कटिंग- दूसरी पीढ़ी की शाखाओं में 3जी कटिंग की जाती है। जिससे तीसरी पीढ़ी की शाखा निकलती है। जिसमें प्रत्येक पत्ती के पास मादा फूल निकलते हैं। 3जी कटिंग के लिए कम से कम 20 से 30 दिन पुराने पौधे का चयन करें।

2G और 3G कटिंग के फायदे

  • 2G और 3G कटिंग के कारण पौधों में मादा फूलों की संख्या बढ़ जाती है। जिससे पौधे से अधिक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • 2G और 3G कटिंग से पौधों की अनचाही वृद्धि रोकी जा सकती है।

  • कम क्षेत्र में ही अधिक प्रकार की सब्जियों को उगाया जा सकता है।

  • पैदावार और आय में बढ़ोतरी होती है।

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