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लौकी की विभिन्न किस्में
लौकी की विभिन्न किस्में
कद्दू वर्गीय सब्जियों में लौकी का एक विशेष स्थान है। कई क्षेत्रों में इसे घिया के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप लौकी की खेती करना चाहते हैं तो इसकी कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। यहां से आप लौकी की विभिन्न किस्मों के साथ उनकी विशेषताओं की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
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पूसा संदेश : इस किस्म को वर्ष 1994 में विकसित किया गया था। यह उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में खेती करने के लिए उपयुक्त है। इसकी खेती वसंत एवं खरीफ दोनों मौसम में की जा सकती है। इसके फल मध्यम आकार के गोल एवं आकर्षक हरे रंग के होते हैं। यदि खरीफ मौसम में इसकी खेती कर रहे हैं तो 55 से 60 दिनों में पहली तुड़ाई कर सकते हैं। यदि वसंत या ग्रीष्म ऋतु में इसकी खेती कर रहे हैं तो 60 से 65 दिनों पर इसकी पहली तुड़ाई कर सकते हैं। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने पर 128 क्विंटल तक पैदावार होती है।
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काशी बहार : यह संकर किस्मों में शामिल है। इसके फल हल्के हरे रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 780 से 850 ग्राम तक होता है। प्रति एकड़ जमीन से करीब 20 टन उपज होती है। यह किस्म गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं में खेती के लिए उपयुक्त है। इस किस्म की खेती नदियों के किनारे भी की जा सकती है।
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पूसा नवीन : यह संकर किस्मों में से एक है। अधिक पैदावार के कारण व्यावसायिक दृष्टि से खेती करने के लिए यह उपयुक्त किस्म है। प्रति एकड़ जमीन से 160 से 180 क्विंटल तक लौकी प्राप्त हो सकती है। इसके फल आकर्षक हरे रंग के होते हैं।
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पूसा हाइब्रिड 3 : संकर किस्मों में शामिल इस किस्म के प्रत्येक फल का वजन करीब 1 किलोग्राम होता है। इसकी खेती दोनों ऋतुओं में की जा सकती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 170 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बुवाई के करीब 60 से 65 दिनों में फल निकलने शुरू हो जाते हैं। इसके फल लंबे एवं सीधे होते हैं।
इन किस्मों के अलावा कई अन्य किस्मों की खेती भी सफलतापूर्वक की जाती है। जिनमे पूसा संतुष्टि, नरेन्द्र रश्मि, उत्तरा, पंजाब गोल, अर्का बहार, कोयम्बटूर 1, पूसा समर प्रोलिफिक राउंड, आदि कई किस्में शामिल हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई किस्मों की खेती करके आप लौकी की बेहतरीन फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इन किस्मों की खेती करके उचित मुनाफा कमा सके। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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