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लौंग की खेती से होगी बंपर कमाई, जानें कैसे लगाएं पौधा
लौंग की खेती से होगी बंपर कमाई, जानें कैसे लगाएं पौधा
लौंग भारत में एक प्रमुख मसाला है, जो भोजन को अपने स्वाद और सुगंध से अधिक स्वादिष्ट बना देता है। लौंग की तासीर गर्म होती है और कई औषधीय तत्वों से भरपूर होने पर इसका प्रयोग सर्दियों के मौसम में अधिक किया जाता है। लौंग के पौधे बारिश के मौसम में अच्छी पैदावार देते हैं। साथ ही इसके पौधे तेज धूप और सर्दी को सहन नहीं कर पाते हैं और पौधों एवं वृक्षों का विकास रुक जाता है। लौंग का वृक्ष 6 से 7 सालों में फल देना शुरू कर देता है। इसके पेड़ों की अच्छी देखभाल करने पर यह 100 से 150 साल तक जीवित रह सकते हैं। लौंग की खेती करने का सही समय और खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।
लौंग की खेती का समय
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पौधों को लगाने का सही समय मई से जून होता है।
खेती के लिए जलवायु
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लौंग की खेती के लिए गर्म एवं उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है।
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पौधों के उचित विकास के लिए 10 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान उचित होता है।
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पौधों की वृद्धि के लिए 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड की आवश्यकता होती है।
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अधिक धूप और अधिक नमी में पौधे सूख जाते हैं।
उपयुक्त मिट्टी
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लौंग की खेती के लिए नम कटिबंधीय क्षेत्रों की बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।
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मिट्टी जल निकासी वाली होनी चाहिए।
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मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।
पौध तैयार करने की विधि
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बीज से नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं।
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बीज को नर्सरी में लगाने से पहले करीब 10 से 12 घंटों तक पानी में डालकर रखें।
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बीज की रोपाई 10 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
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बीज को तैयार होने में 2 साल का समय लगता है।
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लौंग की खेती अखरोट या नारियल के बगीचों में मिश्रित खेती के रूप में भी की जा सकती है।
पौधों की देखभाल
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पौधों की 1 से 1.5 मीटर तक की ऊंचाई होने तक उस पर कोई भी शाखा न बनने दें।
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पौधों की सूखी शाखाओं को हटा दें।
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पौधों के आसपास खरपतवार न उगने दें।
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पौधों में समय-समय पर सिंचाई करते रहें।
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