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कृषि विशेषयज्ञ
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लाल मूली की बढ़ी मांग, जानें क्या है खास

लाल मूली की बढ़ी मांग, जानें क्या है खास

लाल मूली की खेती भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है। सफेद मूली की तुलना में लाल मूली में अधिक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इस कारण इसकी मांग बढ़ने लगी है। लाल मूली की बिक्री भी अधिक मूल्य पर होती है। इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। आइए लाल मूली पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

लाल मूली की विशेषताएं

  • इसकी जड़ें (कंद) गहरे लाल रंग की होती हैं।

  • इसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं।

  • इसका स्वाद हल्का तीखा होता है।

लाल मूली की खेती का उपयुक्त समय

  • इसकी बुवाई सितंबर से फरवरी महीने तक की जा सकती है।

उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • इसके अलावा इसकी खेती बलुई मिट्टी में भी की जा सकती है।

  • मिट्टी का पीएच स्तर 5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

  • इसकी खेती के लिए ठंडे जलवायु की आवश्यकता होती है।

फसल की खुदाई एवं पैदावार

  • विभिन्न किस्मों के अनुसार बुवाई के बाद फसल को तैयार होने में 20 से 40 दिनों का समय लगता है।

  • लाल मूली की पैदावार इसकी विभिन्न किस्मों पर निर्भर करता है।

  • प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर करीब 54 क्विंटल तक लाल मूली प्राप्त किया जा सकता है।

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