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गेंदा फूल की कटिंग विधि
Author : Lohit Baisla

क्या आप गेंदा फूल की कटिंग विधि से खेती के लाभ जानते हैं?
प्रिय किसान, गेंदा फूल की व्यवसायिक खेती की लिए कटिंग विधि अधिक पैदावार और मुनाफा देने वाली साबित हो रही है। गेंदा के पौधे का शीर्ष भाग 5 से 7 सेंमी. काट क्यारियों में विधिवत लगाने को कटिंग विधि कहते है। इस विधि के लिए मुख्यतः अफ्रीकन गेंदा की प्रजाति का चुनाव करना चाहिए।
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गेंदा की कटिंग विधि:
अफ्रीकन गेंदा के फूलों की बनावट सख्त एवं आकर्षक होता है, जिससे लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं। गेंदा की संवर्धन बीज अथवा कटिंग्स के द्वारा किया जा सकता है। इसमें गेंदा के पौधे लगाने के ठीक 30 दिनों बाद तने के शीर्ष भाग को काट लेना चाहिए, जिससे सहायक शाखाएँ साथ-ही-साथ फूलों की संख्या भी बढ़ती है। पौधे के काटे गये शीर्ष भागों को क्यारियों में लगाकर नर्सरी तैयार करें । इसके बाद नर्सरी के पौधों की मुख्य खेत में रोपाई करनी चाहिए।
- गेंदा की कटिंग विधि के फायदे:
कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि कटिंग विधि से खेती करने से न केवल फूल आकर्षक व सख्त तो होते ही है, बल्कि फूलों की लाइफ स्पान यानि फूलों की सूखने की समय सीमा भी बढ़ जाती है। जब फूल जल्द नहीं सूखेंगे, तो देर तक आकर्षक दिखेंगे, जिससे ऐसे फूलों का दबदबा बाजार में बढ़ जाता है। अत: आजकल शिक्षित एवं सफल किसान कटिंग विधि से ही गेंदा फूल की खेती करते हैं।
गेंदा या अन्य किसी फूल से संबंधित खेती की अधिक जानकारी के लिए देहात टोल-फ्री नंबर 18001036110 पर कॉल करें।
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30 December 2020
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