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परिशुद्धता खेती
Author : Lohit Baisla

क्या आप परिशुद्धता (Precision Agriculture) खेती के बारे में जानते हैं?
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर परिशुद्धता खेती दशकों में हुए कृषि क्षेत्र के सबसे महत्त्वपूर्ण नवाचारों में से एक है। 21वी सदी में तकनीकों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एआई, एमएल, रोबोटिक्स, आदि से कृषि में परिवर्तन होने की बहुत संभावनाएं हैं है। परिशुद्धता खेती तकनीक आज कृषि क्षेत्र में बड़ा गेम-चेंजर हो सकती है, यह किसानों को हर कृषि कार्य के लिए उत्पादक उपकरण दे सकता है। आइये जानते है परिशुद्धता खेती के बारे में।
परिशुद्धता (Precision Agriculture) खेती क्या है?
परिशुद्ध खेती में डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके पैदावार वृद्धि करने का प्रयास है जिसे सैटेलाइट फार्मिंग या स्थान विशिष्ट फसल प्रबंधन के नाम से भी जाना जाता है। इसके द्वारा अधिक कृषि उपज हेतु सही समय पर सटीक और उपयुक्त मात्रा में जल, उर्वरक, कीटनाशक आदि का अनुप्रयोग किया जाता है जिससे सही समय व स्थान पर खेत में सही मात्रा में फसलों और मिट्टी को वही मिलता है जो उन्हें स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए चाहिए। मूलतः कृषि तकनीकों द्वारा खेती में इष्टतम लाभ, स्थिरता और संसाधन उपयोग के लिए सूचना आधारित कृषि प्रबंधन करना ही परिशुद्ध खेती है।
परिशुद्ध खेती उपकरणों में शामिल हैं:
- सूचना एवं संचार तकनीक
- वायरलेस सेंसर नेटवर्क
- रोबोटिक्स
- ड्रोन
- वेरिएबल रेट टेक्नोलॉजी,
- जियोस्पेशियल मेथड्स
- ऑटोमेटेड पोजिशनिंग सिस्टम इत्यादि
परिशुद्ध खेती तकनीक के लाभ:
- फसल उत्पादन की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता में सुधार कर सकती है।
- खाद्य समस्या, गरीबी और कुपोषण आदि का समाधान किया जा सकता है।
- वैश्विक स्थिति निर्धारण तंत्र सहित अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी, भौगोलिक सूचना प्रणाली आदि कृषि फसल की उपज के बारे में जानकारी पाने में मदद करते हैं।
- मिट्टी की नमी, फसल फीनोलॉजी, मौसम परिवर्तन, पोषक तत्वों की कमी, फसल रोग, घास व कीट आदि की निगरानी में भी सहायक हैं।
- कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए फसल उत्पादन में मिट्टी के क्षरण को कम करना।
- जल संसाधनों का उपयोग करना।
- उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कृषि पद्धतियों, मात्रा, और उत्पादन की लागत को कम करना।
- किसानों की आय बढ़ोतरी करने में परिशुद्ध खेती सहायक हो सकती है।
आज परिशुद्ध खेती को प्रत्येक किसान तक पहुंचाने की आवश्यकता है, ताकि कम से कम संसाधनों के प्रयोग से अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सके। वर्तमान में ड्रोन तकनीक का प्रयोग तो खूब किया जा रहा है। यह खेतों पर स्काउटिंग को सुचारू करने, सटीक जानकारी एकत्र करने और वास्तविक समय के आधार पर डेटा प्रसारित करने की क्षमता रखता है।
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11 February 2021
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