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जूट
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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करनी है जूट की खेती तो ऐसे करें खेत की तैयारी

करनी है जूट की खेती तो ऐसे करें खेत की तैयारी

विश्व में कुल उत्पादन के 40 प्रतिशत जूट की खेती भारत में की जाती है। देश के साथ विदेशों में भी जूट से बने उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर आप भी जूट की खेती करना चाहते हैं तो खेत तैयार करने की विधि यहां से देख सकते हैं।

  • जूट की खेती के लिए खेत में कुल 3 से 4 बार जुताई की आवश्यकता होती है।

  • पहली जुताई गहरी करनी चाहिए चाहिए। गहरी जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाले हल का प्रयोग करें।

  • इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार एवं अन्य घास की जड़ें ऊपर आ जाती हैं और धूप लगने के कारण सूख कर नष्ट हो जाती हैं।

  • इसके बाद 2-3 बार हल्की जुताई करनी चाहिए। हल्की जुताई के लिए देशी हल या कल्टीवेटर का प्रयोग बेहतर होता है।

  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगा कर मिट्टी को भुरभुरी और समतल करें।

  • जूट के बीज आकर में छोटे होते हैं इसलिए खेत की मिट्टी का भुरभुरा होना बहुत जरूरी है। इससे बीज का जमाव अच्छी तरह होता है।

  • इसके साथ ही खेत में नमी की कमी न होने दें। उपयुक्त नमी नहीं मिलने से जड़ों का जमाव में कठिनाई होती है।

  • अगर आप कैपसुलेरिस किस्मों की खेती कर रहे हैं तो प्रति एकड़ जमीन में 24 किलोग्राम नत्रजन,12 किलोग्राम फास्फोरस और 12 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।

  • वहीं अगर आप ओलीटोरियस किस्मों की खेती कर रहे हैं तो प्रति एकड़ जमीन में 16 किलोग्राम नत्रजन, 8 किलोग्राम फास्फोरस और 8 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।

  • बुवाई से करीब 15 दिन पहले प्रति एकड़ जमीन में 40 क्विंटल कम्पोस्ट खाद मिलाएं। इससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है।

  • इसके अलावा आप अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं। खेत में कभी कच्चे गोबर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कच्चे गोबर के प्रयोग से कई तरह के कीड़ों के होने की संभावना बढ़ जाती है।

  • बुवाई पंक्तियों में करना अच्छा रहता है पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी तथा पौधों से पौधों की 8-10 सेमी पर बुवाई करें।

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