Details
करें धान की सीधी बुवाई, कम लागत में होगी अच्छी पैदावार
Author : Dr. Pramod Murari

भारत विश्व का सबसे अधिक क्षेत्रफल में धान की खेती करने वाला देश है। आमतौर पर धान की खेती नर्सरी में पौधे तैयार करके की जाती है। इस विधि में मजदूरों एवं श्रम की आवश्यकता अधिक होती है। इन दिनों लॉकडाउन के कारण धान के पौधों की रोपाई के लिए मजदूरों की कमी हो गई है। ऐसे में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए धान की सीधी बुवाई करना एक बेहतर विकल्प है। आइए जानते हैं धान की सीधी बुवाई की विधि एवं इसके फायदे।
कैसे करें धान की सीधी बुवाई?
-
धान की सीधी बुवाई के लिए सबसे पहले बीज को 10 से 12 घंटे तक भिगोकर रखें।
-
प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
-
इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें।
-
बीज की रोपाई के लिए खेत को समतल बनाएं।
-
बुवाई के समय करीब 1 सेंटीमीटर पानी की परत होनी चाहिए।
-
खेत में अधिक पानी होने के कारण भी पानी के साथ बहने लगते हैं। इसलिए खेत में बुवाई के समय अधिक पानी नहीं रहने चाहिए।
-
समतल खेत में एक निश्चित दूरी के अंतराल पर बीज की बुवाई करें।
धान की सीधी बुवाई के फायदे
-
बुवाई के लिए कम मजदूरों की आवश्यकता होती है।
-
मजदूरों की संख्या में कमी होने के कारण लागत में भी कमी आती है।
-
खेत की बार-बार जुताई नहीं करनी पड़ती है।
-
धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती।
-
इस विधि से धान की बुवाई करने पर पानी की बचत होती है।
-
सीधी बुवाई से बेहतर पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
-
मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बनी रहती है।
यह भी पढ़ें :
-
धान की नर्सरी में उर्वरक प्रबंधन की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी धान की सीधी बुवाई करके अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
57 Likes
4 Comments
27 May 2021
Please login to continue
No comments
Ask any questions related to crops
Ask Experts
घर बेठें मिट्टी के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त कर
To use this service Please download the DeHaat App
Download DeHaat App