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करेला
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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करेले में पीलेपन की समस्या एवं बचाव के असरदार उपाय

करेले में पीलेपन की समस्या एवं बचाव के असरदार उपाय

करेले के छोटे फलों में पीलेपन का कारण

  • करेले के पौधों में अक्सर बढ़ते तापमान के कारण छोटे फलों में पीलेपन की समस्या देखने को मिलती है।

  • पानी की कमी के कारण करेले के छोटे फल पीले होने लगते हैं।

  • फफूंद जनित रोग जैसे डाउनी और पाउडरी मिल्ड्यू भी करेले के फलों को छोटी अवस्था में पीले कर देते हैं।

  • करेले में पोषक तत्वों की कमी के कारण फल छोटी अवस्था में ही पीले होने लगते हैं।

फलों में पीलेपन से होने वाले नुकसान

  • सबसे पहले छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं।

  • पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।

  • पौधे उचित मात्रा में भोजन नहीं बना पाते।

  • पीलेपन के शिकार पौधे सूख कर मर जाते हैं।

  • किसानों को पैदावार में कमी से नुकसान उठाना पड़ता है।

रोकथाम के उपाय

  • प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।

  • आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।

  • 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करने से इस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सकता है।

  • फसल में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए देहात एजी वाइटल की 5 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें।

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करेले की खेती से जुड़ी कोई भी जानकारी के लिए आप हमें अपने सवाल कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। आशा है पोस्ट में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, कृपया इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे सभी किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।


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