पोस्ट विवरण
करेले की पत्तियां हो रही हैं पीली, जानें कारण एवं नियंत्रण के तरीके
करेले की पत्तियां हो रही हैं पीली, जानें कारण एवं नियंत्रण के तरीके
करेला स्वाद में जितना कड़वा होता है, हमारी सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद भी होता है। इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित होती है। बात करें करेले के पौधों में होने वाले रोगों की तो इन दिनों किसान करेले के पत्तों में पीलापन की शिकायक कर रहे हैं। यह समस्या फफूंद जनित जड़ गलन रोग के कारण होता है। आइए करेले की फसल में जड़ गलन से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
करेले के पौधों में जड़ गलन रोग से होने वाले नुकसान
-
पौधों की जड़ें गलने लगती हैं।
-
पौधों की पत्तियां पीले रंग की नजर आने लगती है।
-
कुछ समय बाद पौधा सूखने लगता है।
जड़ गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके
-
फफूंद की रोकथाम के लिए 15 लीटर पानी में 30 मिलीलीटर धानुका स्पेक्ट्रम मिला कर छिड़काव करें।
-
इसके अलावा 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करने से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
-
15 लीटर पानी में 25 मिलीलीटर धानुका जोरेक्स या धानुका टिल्ट मिला कर छिड़काव करने से भी इस पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं।
-
15 लीटर पानी में 30 ग्राम ब्लू कॉपर मिला कर प्रयोग करने से भी इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
यह भी पढ़ें :
हमें उम्मीद है यह जानकरी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए करेले के पौधों को जड़ गलन रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ