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करेला
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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करेले की फसल में वायरल बीमारी से बचाव

करेले की फसल में वायरल बीमारी से बचाव

करेले में मोजैक वायरस एक खतरनाक वायरल बीमारी है, जो समय रहते नियंत्रित न किए जाने पर केवल 4 से 5 दिनों में ही पूरे खेत को प्रभावित कर देती है। करेले की फसल में सफेद मक्खी और हरा तेला कीट इस बीमारी को दूसरे पौधों तक फैलाने का काम करते हैं। यह कीट पत्तियों का रस चूसकर पत्तियों को पीला करके सूखा देते हैं। जिससे पौधा बहुत ही कम समय मर जाता है। करेले की फसल में सफेद मक्खी और हरा तेला जैसे कीट वायरल रोगों के वाहक होते हैं। इसलिए, वायरल रोगों के नियंत्रण के लिए पहले उन्हें प्रभावी रूप से नियंत्रित करें। करेले की फसल को प्रभावित करने वाली वायरल बीमारी और विभिन्न रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के तरीकों की जानकारी आप यहां से देख सकते हैं।

करेले की फसल में मोजैक वायरस रोग से होने वाले नुकसान

  • पौधों की पत्तियों में पीले धब्बे उभरने लगते हैं।

  • रोग बढ़ने के साथ पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं।

  • पौधों का विकास रुक जाता है।

  • फल पर हल्के पीले धब्बे देखने को मिलते हैं।

  • पौधों पर गुच्छों में फूल आने लगते हैं।

करेले में सफेद मक्खी और हरा तेला के प्रभाव

  • इनके प्रकोप से पत्तियों के किनारें मुड़ने एवं पीले पड़ने लग जाते हैं।

  • पौधों की बढ़वार, गुणवत्ता तथा उपज को कम हो जाती है।

  • यह कीट पत्तियों की निचली सतह पर झुंड में पाए जाते हैं।

  • यह प्रभावित वायरस को बहुत तेजी से पूरी फसल में फैलाते हैं।

करेले में सफेद मक्खी और हरा तेला के नियंत्रण के उपाय

  • प्रभावित पौधों को जलाकर नष्ट कर दें।

  • कीटों के प्रति सहनशील फसलों का फसल चक्र अपनाएं।

  • रोगार 300 मिली मेटासिस्टाक्स की 400 मिलीलीटर मात्रा को 200 से 250 लीटर पानी के साथ मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें।

  • ट्राईजोफोस 500 मिलीलीटर की मात्रा को  250 लीटर पानी के साथ मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें।

  • डाइफेंथियूरॉन 200 मिलीलीटर को 200 लीटर पानी के साथ मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें।

मोजैक वायरस का नियंत्रण

  • इस रोग को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।

  • मोजेक वायरस रोग से प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

  • रोग की प्रारंभिक अवस्था में प्रति लीटर पानी में 2 से 3 मिलीलीटर नीम का तेल मिलाकर छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर डाईमेथोएट 30 ई.सी. मिलाकर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 10 दिनों के बाद दोबारा छिड़काव कर सकते हैं।

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