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करेला : उन्नत किस्में
करेला : उन्नत किस्में
करेले की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना आवश्यक है। विभिन्न क्षेत्रों एवं मौसम के अनुसार करेले की विभिन्न किस्मों की खेती करनी चाहिए। अगर आप करेले की खेती करना चाहते हैं तो यहां से कुछ उन्नत किस्मों के नाम एवं उनकी विशेषताएं जान सकते हैं।
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अर्का हरित : इसके फल मध्यम आकार के होते हैं। अन्य किस्मों की तुलना में यह कम कड़वे होते हैं। इस किस्म के फलों में बीज भी कम होता है। इसकी खेती गर्मी एवं वर्षा के मौसम में की जा सकती है। प्रत्येक बेल से 30 से 40 फल प्राप्त किए जा सकते हैं। इस किस्म के फलों का वजन करीब 80 ग्राम होता है। प्रति एकड़ खेत से लगभग 36 से 48 क्विंटल तक पैदावार होती है।
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पूसा हाइब्रिड 1 : वर्ष 1990 में इसे विकसित किया गया। उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में खेती करने के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इसके फल हरे एवं चमकदार होते हैं। इसकी खेती वसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु एवं वर्षा ऋतु में की जा सकती है। पहली तुड़ाई 55 से 60 दिनों में कर सकते हैं। प्रति एकड़ जमीन से 80 क्विंटल करेला प्राप्त किया जा सकता है।
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पूसा हाइब्रिड 2 : इस किस्म को वर्ष 2002 में विकसित किया गया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा एवं दिल्ली में खेती करने के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के फलों का रंग गहरा हरा होता है। फलों की लंबाई एवं मोटाई मध्यम होती है। करीब 52 दिनों बाद पहली तुड़ाई की जा सकती है। प्रत्येक करेला करीब 85 से 90 ग्राम का होता है। प्रति एकड़ खेत से 72 क्विंटल पैदावार होती है।
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पूसा विशेष : उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में फरवरी से जून तक इसकी खेती की जा सकती है। इसके फल मोटे एवं गहरे चमकीले हरे रंग के होते हैं। इसका गूदा मोटा होता है। पौधों की लंबाई करीब 1.20 मीटर होती है। प्रत्येक फल करीब 155 ग्राम के होते हैं। प्रति एकड़ जमीन से 60 क्विंटल तक पैदावार होती है।
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पंजाब करेला 1 : इस किस्म के करेले आकार में लंबे, पतले एवं हरे रंग के होते हैं। बुवाई के करीब 66 दिनों बाद पहली तुड़ाई की जा सकती है। इसके प्रत्येक फल लगभग 50 ग्राम के होते हैं। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने पर करीब 50 क्विंटल तक करेले प्राप्त किए जा सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इन किस्मों की खेती कर के आप करेले की बेहतरीन फसल प्राप्त कर पाएंगे। अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। करेले की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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