पोस्ट विवरण
सुने
करेला
किसान डॉक्टर
11 July
Follow

करेला : फल गलन की समस्या, जानें रोकथाम के बेहतर उपाय

करेला : फल गलन की समस्या, जानें रोकथाम के बेहतर उपाय

करेले की फसल एक बेल श्रेणी वाली फसल है। इसकी खेती में अक्सर कई प्रकार के रोग और कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है। इनमें से एक है- फल गलन की समस्या। इस समस्या के कारण करेले के फल गलने लगते हैं। इस समस्या के कारण फसल की पैदावार 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसलिए समय से इस समस्या पर नियंत्रण करना आवश्यक है। वरना कुछ समय बाद पूरी फसल नष्ट हो जाती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से किसानों को करेले के फल गलन समस्या के कारण, लक्षण एवं समाधान के उपाय बताएंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
करेले में फल गलन समस्या का कारण एवं लक्षण

  • फल गलने का मुख्य कारण फ्रक्तिजेना नाम का फंगस है।

  • इस फफूंद का प्रकोप अधिक गर्म या नमीदार मौसम में होता है।

  • इसके अलावा फलों की मक्खी एवं फल सड़न रोग के कारण भी यह समस्या होती है।

  • इस रोग के संक्रमण की शुरूआत हमेशा फूल के परागकोष के अंदर बिजाणुओ से होती है और फिर धीरे-धीरे इसका संक्रमण बढ़ जाता है।

  • इस रोग के लगते ही फल पर काले और गोल धब्बे बन जाते हैं और पकने से पहले ही गिर जाते हैं।

  • इससे पैदावार में भारी नुकसान होता है।

  • बारिश के मौसम में भी करेले के फल फफूंद और रस चूसक कीट के कारण सड़ने लगते हैं।

  • नमी के मौसम में सड़े हुई भाग पर रुई के समान घने कवक का जाल विकसित हो जाता है।

  • इससे फलों के सड़ने से इनमें बदबू आने लगती है।

  • रस चूसक कीट फलों के गूदे को खा जाते हैं। जिस कारण फल सड़ने लगते हैं।

  • फलों के जमीन के सम्पर्क में रहने से भी यह समस्या देखने को मिलती है।

नियंत्रण के उपाय

  • फसल में जरूरत से ज्यादा पानी न दें।

  • फलों को जमीन के सम्पर्क में आने से बचाएं।

  • इसके लिए जमीन पर पुवाल या सरकंडा बिछा दें।

  • प्रभावित फलों को इकट्ठा कर खेत के बाहर मिट्टी में दबा दें।

  • कीटों पर नियंत्रण के लिए बेल पर मैलाथियान 1 से 1.5 मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें।

  • तेज धूप में दवा का छिड़काव न करें।

  • फल सड़न रोग पर नियंत्रण के लिए इंडोफिल एम 45 की 1 किलोग्राम मात्रा को 400 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • सड़न रोग से फल को बचाने के लिए 10 ग्राम एसिटामिप्रिड 20% एसपी या 20 ग्राम कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड 50 % एसपी तथा 35 ग्राम प्रिपनेब को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।

  • इसके अलावा 500 ग्राम कॉपर-आक्सीक्लोराइड को 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और करेले की फसल में फल गलन समस्या पर नियंत्रण कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।


44 Likes
4 Comments
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ