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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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कपास में जड़ कटुआ कीट का प्रकोप एवं बचाव

कपास में जड़ कटुआ कीट का प्रकोप एवं बचाव

जड़ कटुआ कीट को कटवर्म के नाम से भी जाना जाता है। इस कीट की कई प्रजातियां कपास की फसल को प्रभावित करती हैं। यह एक भूरे रंग का कीट है, जो पौधों की जड़ों और पौधों के तनों को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट दिन के समय मिट्टी के अंदर छुपे होते हैं और रात में पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। कीट 2 से 2.5 सेंटीमीटर तक लंबे हो सकते हैं और पौधों को केवल तने तक नुकसान पहुंचा कर अगले पौधों की तरफ बढ़ते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए रोपण से पहले कीट का उपचार किया जाना आवश्यक होता है। कीट पर नियंत्रण से जुड़ी जानकारी यहां से देखें।
जड़ कटुआ कीट से होने वाले नुकसान

  • यह कीट पौधों के निचले भाग को प्रभावित कर तेजी से अगले पौधे की तरफ बढ़ते हैं और पूरी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

  • यह कीट पैदावार में कमी का एक बड़ा कारण है।

जड़ कटुआ कीट पर नियंत्रण के उपाय

  • बुवाई से पहले खेत में एक बार गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में मौजूद कीट नष्ट हो जाएंगे।

  • खेत को खरपतवार से मुक्त रखें।

  • जड़ कटुआ कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिलाकर छिड़काव करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 8 किलोग्राम कार्बोफ्यूरान 3 जी छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 3 मिलीलीटर क्लोरपायरीफॉस 10 ई.सी मिलाकर पौधों की जड़ों में डालें।

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