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लाल पड़ती कपास की पत्तियां बढ़ा रही है किसानों की परेशानी

लाल पड़ती कपास की पत्तियां बढ़ा रही है किसानों की परेशानी

कपास को ‘फाइबर का राजा’ औऱ ‘सफ़ेद सोना’ के नाम से भी जाना जाता है। देश के सबसे पुराने और बड़े उद्योगों में से एक "सूती वस्त्र उद्योग" के लिए कपास मुख्य कच्चे माल का किरदार निभाता है। ऐसे में कई किसान कपास की खेती को अपना व्यवसाय बनाकर मुनाफ़ा कमा रहे हैं। लेकिन, कई किसान इसकी खेती से पहले एवं खेती के बीच कुछ कारकों को नज़रअंदाज कर देते हैं और नतीजन फसल खराब होने लगती है। विभिन्न बाधाओं के बीच, कपास की फसल में पत्तियों का लाल होना एक बड़ी समस्या है, जो किसानों के बीच लाल्या रोग के नाम से भी प्रचलित है। इसके अलावा कपास में कई अन्य कारणों से भी पत्तियों में लालपन की समस्या देखने को मिल सकती है। जिससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।

पत्तियों में लालपन के अन्य कारण

  • पर्यावरण जैसे स्थान, विविधता, मिट्टी, बेमौसमी बारिश,अनियमित जल प्रबंधन जैसे कारक भी कपास की पत्तियों में लालपन को बढ़ावा देते हैं।

  • पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि की कमी के कारण भी पत्तियां लाल दिखाई देती हैं।

  • शुरुआती समय पर हरा तेला कीट या अन्य रस चूसक कीटों  के प्रकोप के कारण भी कपास की पत्तियां लाल दिखती हैं। कपास में लालपन मुख्यतः फूल एवं पौधों के शुरुआती विकास के समय पर अधिक दिखाई देता है, जो लगभग बुवाई से 60 से 70 दिन के बीच होता है।

रोग से नुकसान

  • रोग के संक्रमण के कारण पत्तियों का रंग लाल होने लगता है, जिससे पौधों में क्लोरोफिल बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और पत्तियां अपना भोजन नहीं बना पाती हैं।

  • पत्तियों में यह लालपन फसल में लगभग 30 से 60% उपज की हानि का कारण बन सकता है।

  • आमतौर पर लक्षण पुरानी पत्तियों पर पहले दीखते हैं, जो धीरे-धीरे पूर्ण रुप से सारी पत्तियों पर फ़ैल जाते  हैं।  समय के साथ विकृत पत्तियां सूख जाती हैं और पौधे से झड़ने लगती हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • खेतों में अधिक पानी का जमाव न होने दें और जल निकासी का प्रबंध करें।

  • रसचूसक कीटों के प्रबंधन के लिए उचित कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड 17.8 % SL की 40 से 50 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।

  • खड़ी फसल में पोषक तत्त्व की कमी को दूर करने के लिए देहात के उत्तम न्यूट्री प्रोडक्ट जैसे NPK (19:19:19) 5 ग्राम प्रति लीटर, मैग्नीशियम सलफेट 5 ग्राम प्रति लीटर एवं पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) 5 ग्राम प्रति लीटर का छिड़काव एक एकड़ खेत की दर से करें।

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देहात द्वारा न्यूट्री उत्पाद श्रृंखला के अंतर्गत आने वाले सभी उत्पाद जिसमे मैग्नीशियम सल्फेट, NPK (19:19:19), पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) आदि , देश भर में सभी देहात सेंटर में आसानी से उपलब्ध हैं। तो आज ही नजदीकी देहात केंद्र जाकर ज़रूरतमंद उत्पादों की खरीदारी करें और अपने फसलों को स्वस्थ बनाएं। अधिक जानकारी के लिए कॉल करें देहात टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर।


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