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कपास की फसल में जड़ गलन की समस्या और समाधान के उचित उपाय
कपास की फसल में जड़ गलन की समस्या और समाधान के उचित उपाय
परिचय
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बारिश के मौसम में खेतों में पानी के जमाव के कारण जड़ गलन रोग एक बेहद ही आम समस्या है।
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कपास में यह रोग राइजोक्टोनिया मैक्रोफोमिना फैजियोलीना फफूंद के कारण होता है।
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शुरुआती दौर में कपास में रोग के लक्षण सिर्फ कुछ ही पौधों में देखने को मिलते हैं, जो धीरे-धीरे सभी पौधों को अपनी चपेट में ले लेता है।
जड़ गलन से होने वाले नुकसान
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पौधे की जड़ें मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं कर पाती है। जिससे पौधे खड़े नहीं रह पाते हैं और गिरने लगते हैं।
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रोगग्रस्त पौधों की जड़ों की छाल पीली पड़कर फटने लगती है।
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पौधों की पत्तियां भूरी होकर सिकुड़ने और झड़ने लगती है।
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पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आती है।
नियंत्रण के उपाय
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बोक्सिन 70 डब्ल्यूपी 0.3% या कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यूपी 0.2% से उपचारित करना फायदेमंद रहता है।
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देसी कपास की आर जी 18, सी ए 9 एवं सी ए 10 किस्मों का चयन करें। यह किस्में जड़ गलन रोग के लिए सहनशील हैं।
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खेत में जल निकासी का उचित प्रबंध रखें।
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रोग को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को उखाड़ कर खेत से बाहर करें l
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200 ग्राम बाविस्टिन को 100 लीटर पानी में घोलकर पौधे की जड़ के पास छिड़कें।
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