पोस्ट विवरण
सुने
कपास
रोग
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
Follow

कपास की फसल में जड़ गलन रोग पर नियंत्रण के बेहतरीन उपाय

कपास की फसल में जड़ गलन रोग पर नियंत्रण के बेहतरीन उपाय

जड़ गलन रोग कपास की फसल में लगने वाले कुछ घातक रोगों में से एक है। इस रोग के कारण 5 से 17 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो जाते हैं। इस रोग का प्रकोप कपास की खेती किए जाने वाले लगभग सभी क्षेत्रों में होता है। अगर आप भी कपास की खेती कर रहे हैं तो फसल को इस रोग से बचाने के लिए इस रोग के कारण, लक्षण एवं बचाव के तरीके जानना आवश्यक है। आइए कपास की फसल में जड़ गलन रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

जड़ गलन रोग का कारण

  • यह रोग राइजोक्टोनिया बटाटीकोला नामक फफूंद के कारण होता है।

  • कई बार खेत में जल जमाव के कारण भी जड़ गलन होने की सम्भावन होती है।

जड़ गलन रोग के लक्षण

  • पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं।

  • रोग से प्रभावित पौधों के छाल फटने लगते हैं।

  • जड़ें अंदर से भूरे एवं काले रंग के हो जाते हैं।

  • इस रोग के होने पर पौधे सूखने लगते हैं।

जड़ गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके

  • पौधों को इस रोग से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं।

  • रोग को फैलने से रोकने ले लिए प्रभावित पौधों को जला कर नष्ट कर दें।

  • बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 8 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें।

  • जड़ गलन रोग से प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

  • देसी कपास की आर जी 18, सी ए 9 एवं सी ए 10 किस्मों का चयन करें। यह किस्में जड़ गलन रोग के लिए सहनशील हैं।

यह भी पढ़ें :

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इसे लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए कपास की फसल को जड़ गलन रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

5 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ