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कपास
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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कपास के अधिक उत्पादन के लिए करें इन किस्मों का चयन

कपास के अधिक उत्पादन के लिए करें इन किस्मों का चयन

कपास की फसल को तैयार होने में अधिक समय लगता है। यह गर्म और शुष्क मौसम में भी एक अच्छी उपज देने वाली फसल है। कपास की खेती मुख्य रूप से मई के महीने में की जाती है लेकिन उचित सिंचाई की व्यवस्था न होने पर इसे बरसात के मौसम में लगाया जाना उपयुक्त होता है। कपास भारत के किसानों के लिए हमेशा से ही एक लाभदायक फसल के रूप में जानी जाती रही है। साथ ही समय के साथ प्रयोग होती नई किस्मों और तकनीकों ने किसान के लाभ को कई गुना तक बढ़ाने का काम किया है। अगर आप भी कपास की खेती कर रहें हैं तो अधिक उत्पादन और अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए आप नीचे दी गई कपास की कुछ बेहतरीन किस्मों की खेती कर सकते हैं।

कपास की अधिक उत्पादन देने वाली किस्में

  • आर सी एच- 773 : इस किस्म की बुवाई का उचित समय अप्रैल से जून तक का होता है। इस किस्म के पौधे लंबे होते हैं और यह किस्म लीफ कर्ल वायरस और रस चूसक कीटों के प्रति सहनशील होती है। कपास की यह किस्म बड़े गुच्छों के लिए जानी जाती है। इस किस्म की खेती के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 4 फीट और पौधों की आपस में दूरी 1.5 फीट तक रखनी चाहिए।

  • रासी- 314 : यह किस्म हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के क्षेत्रों के लिए एक उन्नत किस्म है। यह मध्यम अवधि वाली एक किस्म है जिसकी पत्तियां चौड़ी और हल्की हरी होती हैं। किस्म की बुवाई मध्य अप्रैल से जून के प्रथम सप्ताह तक की जा सकती है। पौधों में 2 से 3 शाखाएं निकलती हैं और इसके फल 4.5 ग्राम से 5 ग्राम तक हो सकते हैं। इस किस्म की बुवाई से प्रति एकड़ लगभग 8 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

  • आर सी एच 134 : कपास की यह किस्म अधिक फैलाव वाली होती है, जो चित्तीदार सुंडी, गुलाबी सुंडी और अमेरिकन सुंडी जैसे कीटों के प्रति सहनशील होती है। यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग के प्रति संवेदनशील है। फसल को पकने में अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक समय लगता है। लेकिन उचित देखभाल और उन्नत खेती के तरीके अपनाकर इस किस्म से 10 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार ली जा सकती है।

  • तुलसी 4 बी जी : कपास की यह किस्म 150 से 170 दिनों में पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है। इसकी पत्तियां चौड़ी, गहरी हरी और रोएंदार होती है, साथ ही इसके फल 5 से 5.5 ग्राम तक होते हैं। रेशे की लम्बाई 32 से 33 मिलीमीटर होती है, जिससे प्रति एकड़ 8 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

  • जे के सी एच 1947 : यह अमेरिकन कपास की एक संकर किस्म है, जो चित्तीदार सुंडी, हरी सुंडी तथा गुलाबी सुंडी के प्रति सहनशील होती है। कपास की इस किस्म के पौधों की लम्बाई अधिक होती है साथ ही सहजीवी शाखाएं अधिक संख्या में निकलती हैं, जिससे अन्य किस्मों की अपेक्षा अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। फल का औसत वजन 4 से 5 ग्राम तक होता है और लगभग 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार इस किस्म से ली जा सकती है।

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