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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न यंत्र

खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न यंत्र

फसलों की गुणवत्ता एवं पैदावार को बढ़ाने के लिए खरपतवार पर नियंत्रण करना आवश्यक है। कई बार खरपतवारों की अधिकता से परेशान किसान इससे निजात पाने के लिए विभिन्न खरपतवारनाशक का प्रयोग करते हैं। खरपतवार नाशक खेत की मिट्टी के साथ फसलों एवं हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। ऐसे में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई एक बेहतर विकल्प है। निराई गुड़ाई के लिए विभिन्न यंत्रों का सहारा लिया जा सकता है। आइए खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न यंत्रों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • खुरपी : खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए यह 1 छोटा यंत्र है। इस यंत्र का आकार छोटा होने के कारण बड़े खेत में निराई गुड़ाई करना काफी कठिन हो जाता है। हालांकि छोटे क्षेत्रों में खरपतवार पर नियंत्रण के लिए यह बहुत उपयोगी है। इससे निराई-गुड़ाई का कार्य काफी सफाई से किया जा सकता है।

  • फावड़ा एवं कुदाल : इन यंत्रों में सीधे एवं घुमावदार ब्लेड लगे होते हैं। इस यंत्र की सहायता से खरपतवार के पौधों की कटाई के साथ उन्हें जड़ से निकालने में भी आसानी होती है। इन यंत्रों के प्रयोग में अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है।

  • पशु-चालित निराई यंत्र : इन यंत्रों को पशुओं के द्वारा खींच कर चलाया जाता है। इन यंत्रों में त्रिफाली, अकोला हो, डोरा, बारडोली हो, आदि शामिल हैं। खेत में क्यारियों की दूरी के अनुसार ब्लेड की चौड़ाई का चयन किया जाता है।

  • कोनो वीडर : इस यंत्र में दो रोटर, फ्लोट एवं फ्रेम लगे होते हैं जो हैंडल के साथ जुड़े रहते हैं। रोटर 3 सेंटीमीटर आगे पीछे होता है, जिससे खरपतवार जड़ से निकलते हैं। फ्लोट के द्वारा गहराई को नियंत्रित किया जाता है। कोनो वीडर का सर्वाधिक प्रयोग धान की फसल में किया जाता है। धान की फसल के अलावा इसका प्रयोग कई अन्य फसलों में भी किया जा सकता है जिनकी बुवाई पंक्तियों में की गई है।

  • व्हील हैंडल हो : इन यंत्रों में 1 या 2 पहिए और 1 लंबा हैंडल होता है। हैंडल की सहायता से यंत्र को आगे पीछे खींच कर खरपतवार को नियंत्रित किया जाता है। इस यंत्र के साथ कई तरह की मिट्टी के लिए सीधे ब्लेड, आयामी कुदाल, स्पाइक हैरो, टाईन कल्टीवेटर, आदि दिए जाते हैं। इस यंत्र की सहायता से खरपतवारों को काटा या जड़ से निकाला जा सकता है। इसके साथ ही इससे घास को भी काट कर मिट्टी में दबाया जा सकता है।

  • स्वचालित रोटरी पावर वीडर : यह एक डिजिटल इंजन से चलने वाला यंत्र है। इस यंत्र का प्रयोग कई  जाता है। जिनमे गन्ना, मक्का, कपास, टमाटर, बैंगन, दलहन शामिल हैं। इन फसलों के अलावा कई ऐसी अन्य फसलें जिनमें पंक्तियों के बीच की दूरी 450 मिलीमीटर से अधिक है, में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस यंत्र के साथ स्वीप ब्लेड, रिजर एवं ट्रॉली आदि लगाए जाते हैं। इसके प्रत्येक डिस्क पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में घुमावदार ब्लेड लगे होते हैं, जिससे खरपतवार एवं घास कट कर मिट्टी में मिल जाते हैं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी यह जानकारी प्राप्त कर सकें एवं इन यंत्रों का प्रयोग कर खरपतवारों पर आसानी से नियंत्रण प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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