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खरबूजा
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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खरबूजा की उन्नत किस्में

खरबूजा की उन्नत किस्में

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई किस्मों की खरबूजे की खेती की जाती है। खरबूजे की कई ऐसी उन्नत एवं संकर किस्में है जिनकी खेती करके आप अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। खरबूजा की खेती करने से पहले यहां से इसकी कुछ उन्नत किस्में एवं उनकी विशेषताओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • पूसा रसराज : यह संकर किस्मों में से एक है। इसके फल चिकने एवं अंडाकार होते हैं। फलों का वजन करीब 800 ग्राम से 1 किलोग्राम तक होता है। इस किस्म के खरबूजे का गूदा मीठा होता है। फलों को तैयार होने में 75 से 80 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 90 से 100 क्विंटल तक की पैदावार होती है।

  • पंजाब संकर : यह किस्म पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल में खेती करने के लिए उपयुक्त है। इसके पहले मध्यम आकार के एवं गोल होते हैं। फलों का वजन करीब 800 ग्राम होता है। इस किस्म के फलों के गूदे का नारंगी रंग के होते हैं। फल मीठे रसीले एवं स्वादिष्ट होते हैं। प्रति एकड़ खेत से 64 क्विंटल तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • एम एच 10 : इस किस्म के पौधे मध्यम आकार के होते हैं। प्रत्येक पल का वजन करीब 900 ग्राम होता है। इसका गूदा मोटा एवं हल्का सफेद रंग का होता है। कल गोल एवं अंडाकार होते हैं। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने पर लगभग 96 क्विंटल तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • हिसार मधुर : यह अगेती किस्मों में से एक है। इसके फल गहरे लाल रंग के होते हैं। फलों पर धारियां होती है। फलों का गूदा सुगंधित एवं नारंगी रंग का होता है। 75 से 80 दिनों बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है।

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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इन किस्मों की खेती करके निश्चित ही आप उच्च गुणवत्ता की बेहतर खरबूजे प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इन किस्मों की खेती करके अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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