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खरबूज : पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर कैसे करें नियंत्रण?
खरबूज : पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर कैसे करें नियंत्रण?
खरबूज में पानी भरपूर मात्रा में होती है। गर्मी के मौसम में इसके सेवन से हमारे शरीर में पानी की कमी पूरी होती है। इसके साथ इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन कई बार कुछ रोगों के कारण खरबूज की फसल किसानों के लिए मुनाफे की जगह नुकसानदायक हो जाता है। खरबूज की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख रोगों में पाउडरी मिल्ड्यू रोग भी शामिल है। आइए इस रोग से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
खरबूज की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू रोग से होने वाले नुकसान
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पाउडरी मिल्ड्यू रोग होने पर खरबूज की पत्तियों पर सफेद रंग के चूर्ण उभरने लगते हैं।
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धीरे-धीरे तने एवं शाखाओं पर भी सफेद रंग की पाउडर की तरह पदार्थ नजर आने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पत्तियां पीली हो कर सड़ने लगती हैं।
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पौधों का विकास रुक जाता है।
पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर कैसे करें नियंत्रण?
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खरबूज के पौधों को इस रोग से बचाने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी से उपचारित करें।
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पौधों में इस रोग के लक्षण नजर आने पर प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेन्डाज़िम मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब 72 एम.जेड मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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आवश्यकता होने पर 10 से 15 दिनों के अंतराल पर दवाओं का दोबारा छिड़काव करें।
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