खीरा की फसल में कई तरह के रोग होते हैं। जिनमें चितकबरा रोग, मोजैक वायरस रोग, पत्तों पर सफेद धब्बा रोग, आदि शामिल है। इन रोगों के कारण खीरे की पैदावार में भारी कमी आती है। बात करें चितकबरा रोग की तो इस रोग के लक्षण सबसे पौधों की पत्तियों पर नजर आते हैं। पौधों पर फल आने के बाद फलों पर इस रोग के लक्षण उभरने लगते हैं। इस रोग से खीरा की गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर होता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम खीरा की फसल में होने वाले चितकबरा रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
चितकबरा रोग का कारण
यह एक फफूंद जनित रोग है।
चितकबरा रोग से होने वाले नुकसान
इस रोग से प्रभावित पौधों के पत्ते मुरझाने लगते हैं।
पौधों में फल आने पर फल के निचले हिस्से पीले रंग के नजर आते हैं।
रोग बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।
चितकबरा रोग पर नियंत्रण के तरीके
इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर नेटिवो (Nativo) नामक दवा मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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