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खीरा : बेहतर पैदावार के लिए करें इस किस्म का चयन
खीरा : बेहतर पैदावार के लिए करें इस किस्म का चयन
'कुकुम्बर नामधारी' खीरा की एक बेहतरीन संकर किस्म है। इस किस्म के खीरे के फल हल्के हरे रंग के होते हैं। फल बेलनाकार होते हैं और फलों की लम्बाई 25 से 28 सेंटीमीटर तक होती है। प्रत्येक फल वजन करीब 200 से 220 ग्राम होता है। आइए इस किस्म की इसकी खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
बुवाई का सही समय एवं बीज की मात्रा
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इस किस्म की बुवाई के लिए फरवरी-मार्च का महीना सर्वोत्तम है।
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प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 1.45 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
उपयुक्त मिट्टी
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बेहतर पैदावार के लिए इसकी खेती रेतीले मिट्टी में करनी चाहिए।
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इसके अलावा इसकी खेती कार्बिनक पदार्थों से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी एवं भारी मिट्टी में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है।
खेत की तैयारी
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सबसे पहले खेत में 1 बार गहरी जुताई करें।
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इसके बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए 3 से 4 बार हल्की जुताई करें।
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जुताई के बाद पाटा लगा कर खेत को समतल बनाएं।
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रोपाई से 1 दिन पहले खेत में सिंचाई करें।
उर्वरक प्रबंधन
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खेत तैयार करते समय गोबर की खाद मिलाएं।
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प्रति एकड़ खेत में 90 किलोग्राम यूरिया, 125 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 35 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की आवश्यकता होती है।
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यूरिया को 3 भागों में बांटें। इसके बाद खेत तैयार करते समय 1 भाग यूरिया यानी 30 किलोग्राम के साथ सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश की पूरी मात्रा मिलाएं।
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बुवाई के 30 दिनों बाद एवं 45 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 30 किलोग्राम यूरिया का 2 बार छिड़काव करें।
बुवाई की विधि
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बीज की बुवाई क्यारियों में करें।
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सभी क्यारियों के बीच 2.5 मीटर की दूरी रखें।
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पैधों से पौधों के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
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बीज की बुवाई 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में करें।
खरपतवार नियंत्रण
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खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।
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इसके अलावा 150 लीटर पानी में 1.6 लीटर ग्लाइफोसेट मिला कर छिड़काव करें।
फसल की तुड़ाई
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बुवाई के 30 से 32 दिनों बाद खीरे की पहली तुड़ाई की जा सकती है।
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