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केला
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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केला : बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय

केला : बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय

बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग एक फफूंद जनित रोग है। इस रोग के होने पर केले की परिपक्व पत्तियों, मिड्रिब, पेटीओल, पेडुनेकल एवं फल बुरी तरह प्रभावित होते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत के कुछ राज्यों में इस रोग का प्रकोप पहली बार नजर आ रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में इस रोग के कारण केले की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग होने का कारण

  • अधिक वर्षा होने के कारण यह रोग होता है।

  • खेत में जल जमाव होने पर इस रोग के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

  • वातावरण में अधिक नमी होने पर इस रोग का खत रा बढ़ जाता है।

बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग पर कैसे करें नियंत्रण?

  • इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 8 से 10 ग्राम Nativo नामक फफूंदनाशक दवा का छिड़काव करें।

  • इसके अलावा 15 लीटर पानी में 30 ग्राम Dhanuka Spectrum मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।

  • आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकर आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अनु किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए केले के पौधों को इन रोगों से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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