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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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केकड़ा पालन, आजीविका का नया साधन

केकड़ा पालन, आजीविका का नया साधन

पिछले कुछ दशकों से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में केकड़ों की मांग में काफी इजाफा हुआ है। केकड़ों की व्यापक मांग को देखते हुए देश के तटीय राज्यों में केकड़ा पालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल एवं कर्नाटक, आदि राज्यों में किसान 1 से 2 किलोग्राम वजन वाले केकड़े तैयार कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार केकड़ों की सही देखभाल की जाए तो 8 माह में 1 किलोग्राम या इससे भी अधिक वजन का केकड़ा तैयार हो जाते हैं। जिसकी बाजार में अच्छी कीमतों पर बिक्री भी हो रही है।

हालांकि केकड़ों के बीच कठोर ऊपरी कवच के लिए वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है। जिससे करीब 50 प्रतिशत तक कमजोर कवच वाले केकड़ों की मौत हो जाती है। केकड़ों के वर्चस्व की लड़ाई वैज्ञानिकों के लिए परशानी का कारण बना हुआ है। वर्चस्व की लड़ाई में मरने वाले केकड़ों की संख्या में कमी लाने के लिए वैज्ञानिक केकड़ा पालन की विधि को बदलने पर काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘रॉक विधि’ से सफलतापूर्वक केकड़ों का पालन किया जा सकता है। हालांकि 50 प्रतिशत केकड़ों के मरने के बावजूद बड़े केकड़ों के लिए मिलने वाले मूल्य से किसानों को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता।

बात करें केकड़ों की प्रजाति की तो हमारे देश में बड़ी प्रजाति एवं छोटी प्रजाति दोनों का पालन किया जाता है। बड़ी प्रजाति के केकड़ों को ‘हरे मड क्रैब’ कहते हैं और छोटी प्रजाति के केकड़ों को ‘रेड क्लॉ’ के नाम से जाना जाता है। बड़ी प्रजाति के केकड़ों का आकार करीब 22 सेंटीमीटर और वजन करीब 2 किलोग्राम होता है। वहीं छोटी प्रजाति के केकड़ों का आकार करीब 12.7 सेंटीमीटर और वजन करीब 1.2 किलोग्राम होता है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दोनों प्रजातियों के केकड़ों की मांग होती है। बात करें कीमतों की तो नरम-मुलायम केकड़ों की तुलना में कड़े केकड़ों की कीमत 3-4 गुणा अधिक होती है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। अपने आने वाले पोस्ट में हम केकड़ा पालन की विधि पर विस्तार से जानकारी साझा करेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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