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केंचुआ खाद : निर्माण एवं उपयोग के समय ध्यान देने वाली बातें
केंचुआ खाद : निर्माण एवं उपयोग के समय ध्यान देने वाली बातें
केंचुआ खाद यानी वर्मीकम्पोस्ट में फसलों के लिए लाभदायक कई पोषक तत्वों के साथ कुछ हार्मोंस और एंजाइम्स भी पाए जाते हैं। इसे गोबर, भूसा, सूखी घास, पुआल, सड़ी-गली सब्जियां, खरपतवार, पत्तियों एवं टहनियों, आदि से तैयार किया जाता है। सभी पदार्थों के गलने के बाद इसमें केंचुओं को छोड़ा जाता है। कुछ ही दिनों में भूरे से हल्के काले और दानेदार खाद तैयार हो जाता है। इसके प्रयोग के कई फायदे हैं। लेकिन इसे प्रयोग करते समय कुछ सावधानियां लेना भी जरूरी है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
केंचुआ खाद के निर्माण एवं इस्तेमाल के समय रखें इन बातों का ध्यान
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तेज धूप से केंचुओं का बचाव करना चाहिए। सूर्य का प्रकाश सीधे नहीं पड़ना चाहिए।
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खाद का निर्माण किसी छांव वाले स्थान पर करें।
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खाद तैयार करने वाले टैंक का निचला हिस्सा सख्त होना चाहिए। जिससे केंचुए जमीन के अंदर न जा सकें।
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पदार्थों में करीब 40 से 50 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए।
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खाद बनाने वाले टैंक से कांच के टुकड़े, पत्थर, प्लास्टिक एवं अम्लीय पदार्थों को बाहर निकालें।
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केंचुओं को चींटी, कीड़े-मकोड़े, मुर्गियां एवं अन्य पक्षियों से बचा कर रखना चाहिए।
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केंचुआ खाद इस्तेमाल करने के बाद खेत में रासायनिक उर्वरकों एवं कीट नाशकों का प्रयोग न करें।
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