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कद्दूवर्गीय
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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कद्दू वर्गीय फसलों में कैसे करें फल सड़न रोग का प्रबंधन, जाने कुछ असरदार उपाय

कद्दू वर्गीय फसलों में कैसे करें फल सड़न रोग का प्रबंधन, जाने कुछ असरदार उपाय

मौसम में हो रहे निरंतर बदलाव और फलों की तुड़ाई में देरी कद्दू वर्गीय फसलों के लिए बड़ी समस्या का कारण बनते हैं। कद्दू वर्गीय फसलों की खेती आमतौर पर वर्षा के मौसम में की जाती है और तापमान में बढ़ती नमी अक्सर फलों के सड़ने का बड़ा कारण बन जाती है। फलों की सड़न की समस्या इतनी तेजी से पूरी फसल में फैलती है कि रोग पर नियंत्रण कर पाना नामुमकिन हो जाता है और बाजार में मिल रहे कम भाव से किसानों को एक भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

शुरुआती समय में रोग के लक्षण फलों पर चिपकी सफेद रूईदार परत के रूप में पहचाने जा सकते हैं। जिसके बाद यह फंगस फलों को अंदर से प्रभावित कर फलों में सड़न और बदबू पैदा कर देती है। रोग की इस अवस्था में फल स्वतः ही बेल से गिरने लगते हैं।

कैसे करें रोग प्रबंधन?

  • फल सड़न रोग एक मिट्टी जनित रोग है। जिससे बचने के लिए फलों को मिट्टी से दूर रखना चाहिए।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

  • फसल को तार एवं खंभे के सहारे चढ़ाकर खेती करने से भी इस रोग का प्रभावी नियंत्रण संभव है।

  • भंडारण एवं परिवहन के समय फलों को चोट लगने से बचाएं। इसके साथ ही भंडारण के लिए हवादार व खुली जगह का चयन करें।

  • मिट्टी एवं पोधों पर रसायन ड्रेनचिंग प्रक्रिया भी बिमारी में असरदार सिद्ध होती है। इसके लिए एक एकड़ में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 2.5 ग्राम का प्रयोग प्रति लीटर पानी की दर से करें।

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कद्दू वर्गीय फसलों में फल सड़न की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए देहात के कृषि विशेषज्ञों से उचित सलाह लेकर समय पर अपने फसल का बचाव करेंI साथ ही आप अपने नज़दीकी देहात केंद्र से जुड़कर एवं हाईपरलोकल सुविधा का प्रयोग कर भी आप घर बैठे ही उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक खरीदारी का लाभ ले सकते हैं। अपने नजदीकी देहात सेंटर सटीक स्थिति और कृषि से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कॉल करें टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर।

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