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कद्दू की फसल में बीटल कीट पर नियंत्रण
कद्दू की फसल में बीटल कीट पर नियंत्रण
कद्दू की फसल में बीटल कीट का प्रकोप एक गंभीर समस्या बन कर उभर रही है। इससे निजात आसानी से पाया जा सकता हैं लेकिन दवाओं की जानकारी एवं उचित मात्रा में इसके प्रयोग के अभाव में किसानों को इस कीट से संरक्षण में कठिनाई आती है। जिससे कद्दू की फसल पर प्रतिकूल असर होता है और किसानों को मुनाफे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ता है। बीटल कीट से होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के उपाय यहां से देखें।
होने वाले नुकसान
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यह कीट कद्दू की पत्तियों के ऊपरी सतह को खाते हैं। जिससे पत्तियां जालीदार नजर आती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर कद्दू की बेल की सभी पत्तियों में केवल नसें दिखती हैं।
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इससे बेलों का विकास रुक जाता है।
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बेलों में फूल एवं फल नहीं लगते।
नियंत्रण के उपाय
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कद्दू के बेलों को बीटल कीट से बचाने के लिए 15 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 20 से 25 मिलीलीटर लिटल सुपर मिलाकर छिड़काव करने से भी इस कीट पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
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15 लीटर पानी में 15 से 20 मिलीलीटर सोलोमन मिलाकर छिड़काव करें।
इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप केवल कद्दू ही नहीं लौकी, तुरई, खीरा, आदि फसलों में भी बीटल कीट से निजात पा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें साथ ही इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान अपनी फसल को बीटल कीट से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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